दक्षिण पूर्व रेलवे ने 183 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के साथ पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन बांग्लादेश भेजी

South Eastern Railway दक्षिण पूर्व रेलवे (दपूरे) ने चक्रधरपुर मंडल के राऊरकेला से बुधवार को बांग्लादेश के बेनापोल के लिए पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन रवाना किया। दपूरे मुख्यालय कोलकाता की ओर से जारी एक बयान में ये जानकारी सामने आई।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 05:33 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:33 PM (IST)
दक्षिण पूर्व रेलवे ने 183 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के साथ पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन बांग्लादेश भेजी
बांग्लादेश के बेनापोल के लिए पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन रवाना

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दक्षिण पूर्व रेलवे (दपूरे) ने चक्रधरपुर मंडल के राऊरकेला से बुधवार को बांग्लादेश के बेनापोल के लिए पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन रवाना किया। दपूरे मुख्यालय, कोलकाता की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि बांग्लादेश में कोविड पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए बांग्लादेश के बेनापोल के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन टाटानगर से 24 जुलाई को रवाना हुई थी।

अब तक, बांग्लादेश के लिए पांच ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें भेजी जा चुकी है। प्रत्येक ट्रेन में 200 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लदी हुई थी। राऊरकेला से इस ट्रेन को रवाना किए जाने के साथ दक्षिण पूर्व रेलवे के क्षेत्राधिकार से बांग्लादेश के लिए कुल 983 टन एलएमओ के साथ पांच ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें अब तक भेजी जा चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि कोविड पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के मद्देनजर, ऑक्सीजन के त्वरित परिवहन तथा सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे 23 अप्रैल से ही देश के विभिन्न हिस्सों के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चला रही है।

--------------------------

दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्‍यालय में प्रेमचंद जयंती का वर्चुअल आयोजन

कोलकाता के गार्डनरीच स्थित दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्‍यालय में राजभाषा विभाग द्वारा उपमहाप्रबंधक पी.सी. डांग की अध्‍यक्षता में प्रेमचंद जयंती वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। इसमें मंडलों के अधिकारी और कर्मचारी बड़े उत्‍साह से शामिल हुए। उन्‍होंने प्रेमचंद के व्‍यक्तित्‍व, साहित्‍य, उपन्‍यास, कहानियां आदि पर विस्‍तारपूर्वक अपने विचार रखे। सभी वक्‍ताओं ने कहा कि प्रेमचंद की साहित्यिक रचनाएं अभी भी हमारे समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है और आज भी प्रासंगिक है‌। उनके उपन्‍यास/कहानी समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए प्रोत्‍साहित करता रहेगा। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा अधिकारी आशा मिश्रा ने किया।

chat bot
आपका साथी