हटाए गए अधीर, सोमेन बने नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 11:02 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 11:02 AM (IST)
हटाए गए अधीर, सोमेन बने नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
हटाए गए अधीर, सोमेन बने नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

कैचवर्ड : बदलाव

-प्रदेश कांग्रेस के लिए 11 सदस्यीय नई कमेटी गठित

-चार कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदीप को समन्वय समिति के अध्यक्ष का दायित्व

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राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल किया है। पार्टी हाईकमान ने अधीर रंजन चौधरी को बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाकर उनकी जगह पूर्व सासद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा की नियुक्ति की है। अधीर रंजन चौधरी को पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया है। वहीं पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी को घोषणापत्र समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है।

पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत के मुताबिक काग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी ने मित्रा और चौधरी की नए पदों पर नियुक्ति के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों, समन्वय समिति, घोषणापत्र समिति के अध्यक्षों और संयोजकों की भी नियुक्ति की है।

15वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके सोमेन मित्रा पहले भी प्रदेश काग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। मित्रा ने 2008 में काग्रेस छोड़कर 'प्रगतिशील इंदिरा काग्रेस' नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। 2009 में उन्होंने अपनी पार्टी का तृणमूल काग्रेस में विलय कर दिया,हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह काग्रेस में वापस आ गए। दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी की पत्‍‌नी दीपा दासमुंशी, शकर मालाकर, नेपाल महतो और अबू हासिम खान चौधरी कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। प्रदीप भट्टाचार्य को समन्वय समिति का अध्यक्ष और शुभांकर सरकार को संयोजक और अमिताभ चक्रवर्ती को संपर्क और संचार विभाग का प्रमुख बनाया गया है। फेरबदल की खास बात ये है कि प्रदेश अध्यक्ष से अधीर रंजन को ऐसा समय हटाया गया है, जब काग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में ममता से गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है। अधीर इस गठबंधन के सख्त खिलाफ रहे हैं।

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पिछले दो साल में बंगाल में बेहाल हो गया कांग्रेस का हाल

पिछले दो साल में बंगाल में कांग्रेस का हाल बेहाल हो गया है। वर्षों बाद 2016 के विधानसभा चुनाव में 44 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बनी कांग्रेस इस समय चौथे नंबर पर पहुंच चुकी है। पार्टी के एक दर्जन से अधिक विधायक व नेता कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल हो चुके हैं। मानस भुइयां जैसे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी तृणमूल में जा चुके हैं।

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सोमेन के अध्यक्ष रहते ही ममता ने कांग्रेस छोड़कर बनाई थी अपनी पार्टी

सोमेन 1992 से 1998 तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। सोमेन के प्रदेश अध्यक्ष रहते ही ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाई थी। यही सोमेन मित्रा बाद में ममता की शरण में गए। तृणमूल से सांसद भी बने लेकिन ज्यादा दिनों तक तृणमूल में नहीं रह सके और फिर कांग्रेस में लौट आए।

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(इनसेट ) अध्यक्ष बनते ही सोमेन ने ममता सरकार पर साधा निशाना

अध्यक्ष घोषित होने के बाद सोमेन मित्रा ने कहा कांग्रेस हाईकमान ने उनपर जो भरोसा किया है, वह उसपर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उनका पहला काम पार्टी को सांगठनिक स्तर पर मजबूत करना होगा। अगले लोकसभा चुनाव में तृणमूल या माकपा के साथ चुनावी तालमेल के बारे में सोमेन ने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि इस बारे में कांग्रेस हाईकमान ने जो निर्देश देगा, उसका वह पालन करेंगें, हालांकि उन्होंने ममता सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। जात्रा, उत्सव और नाटक, यही सब हो रहा है।

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मुझे नहीं दी गई कोई जानकारी : अधीर

अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर अधीर चौधरी ने कहा कि उन्हें हटाने की कोई जानकारी नहीं दी गई। बिना पूर्व सूचना के उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया लेकिन इसे लेकर वह हताश नहीं है। वह स्वाभिमान के साथ चलेंगे।

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