बांग्लादेश में तस्करी के लिए झाड़ी में छिपा कर तस्करों ने रखा था 10.45 किलोग्राम चांदी, बीएसएफ ने किया जब्त
जब तलाशी पार्टी ने संदिग्ध सामग्री को खोलकर जांच की तो उसके अंदर से 10.45 किलोग्राम चांदी का दाना बरामद हुआ। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए जब्त चांदी को कस्टम आफिस तेंतुलिया को सौंप दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बीएसएफ की 153वीं बटालियन के सतर्क जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में भारत- बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करों के मंसूबों को नाकाम कर 10.45 किलोग्राम चांदी जब्त किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि चांदी को सीमा चौकी कैजुरी इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक झाड़ी में छिपाकर रखा गया था और मौका मिलते ही सीमा पार कराकर इसकी बांग्लादेश में तस्करी की योजना थी। लेकिन सतर्क जवानों ने खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए झाड़ी से भी चांदी को खोज निकाला। बीएसएफ के अनुसार, जब्त चांदी की अनुमानित कीमत 6,30,400 रुपये है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय की ओर से एक बयान में बताया गया कि 15 सिंतबर को सीमा सुरक्षा बल की खुफिया विभाग की जानकारी के आधार पर सीमा चौकी कैजुरी, 153वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक वेदोपारा गांव के पास स्थित जंगल वाले इलाके में एक तलाशी अभियान चलाया।
सुबह लगभग 11 बजे प्राप्त सूचना के अनुसार तलाशी पार्टी को एक पेड़ के पास झाड़ी में पुराने कपड़े में बांध कर कुछ समान छिपाया हुआ दिखाई दिया। जब तलाशी पार्टी ने संदिग्ध सामग्री को खोलकर जांच की तो उसके अंदर से 10.45 किलोग्राम चांदी का दाना बरामद हुआ। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए जब्त चांदी को कस्टम आफिस तेंतुलिया को सौंप दिया है।
बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की थपथपाई पीठ
इधर, इस सफलता पर 153वीं वाहिनी बीएसएफ के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि जब्त चांदी के पीछे किसका हाथ है उसके लिए खुफिया विभाग काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की तस्करी को रोक पाना केवल ड्यूटी पर उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आगे भी उनके क्षेत्र से तस्करों व घुसपैठियों के किसी भी मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। गौरतलब है कि जवानों की सतर्कता की वजह से तस्कर आए दिन नित्य नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं लेकिन बीएसएफ जवानों की चौकस नजरों से उनकी हर योजना विफल हो जा रही है।