एसएमपीके व बीपीसीएल ने मिलकर की सागरद्वीप के पास जहाज से एलपीजी की सीधी आपूर्ति

भारत के प्रमुख बंदरगाहों के इतिहास में पहली बार हुआ है ऐसा। एसएमपीके व बीपीसीएल ने मिलकर की सागरद्वीप के पास जहाज से एलपीजी की सीधी आपूर्ति इस पहल के परिणामस्वरूप भारतीय तट पर एलपीजी का पहली इस तरह से सीधी आपूर्ति 15 अक्टूबर 2021 को की गई।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 03:23 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 03:23 PM (IST)
एसएमपीके व बीपीसीएल ने मिलकर की सागरद्वीप के पास जहाज से एलपीजी की सीधी आपूर्ति
एसएमपीके व बीपीसीएल ने मिलकर की सागरद्वीप के पास जहाज से एलपीजी की सीधी आपूर्ति

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारत के प्रमुख बंदरगाहों के इतिहास में पहली बार श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता (एसएमपीके) और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने संयुक्त प्रयास से बंगाल में सागरद्वीप के पास सैंडहेड्स में एलपीजी का शिप-टू-शिप यानी एक जहाज से दूसरे जहाज में माल लदवाकर आपूर्ति की। गौरतलब है कि रीवर चैनल की कम गहराई के कारण एसएमपीके के हल्दिया डाक कांप्लेक्स (एचडीसी) या कोलकाता डाक सिस्टम (केडीएस) पर बडे़ जहाज पहुंच नहीं पाते थे।

आसपास के बंदरगाहों पर माल उतारना पड़ता था और वहां से अन्य माध्यमों से माल भेजने की व्यवस्था की जाती थी, परिणामस्वरूप जहाजों को अतिरिक्त डेड फ्रेट वहन करना पड़ता था और बहुत ज्यादा समय भी लगता था। निहित बाधाओं को दूर करने के लिए, एसएमपीके ने सागर, सैंडहेड्स और एक्स प्वाइंट पर स्थित डीप ड्राफ्टेड एंकरेज में केप साइज या बेबी केप जहाजों को लाने का प्रयास किया और उन्हें पूरी तरह से लदे जहाजों की हैंडलिंग में सक्षम भी बनाया। इस पहल के परिणामस्वरूप भारतीय तट पर एलपीजी का पहली इस तरह से सीधी आपूर्ति 15 अक्टूबर, 2021 को की गई। बीपीसीएल ने सेवा प्रदाता मेसर्स फेंडरकेयर मरीन को यह सेवा प्रदान करने के लिए नियुक्त किया।

एसएमपीके के अध्यक्ष विनीत कुमार ने कहा कि इससे न केवल देश के सबसे पुराने नदी प्रमुख बंदरगाह के लिए नई व्यावसायिक संभावनाएं खुलने की उम्मीद है, बल्कि पर्याप्त विदेशी मुद्रा की बचत के मामले में व्यापार और देश को भी लाभ होगा। 

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