1,300 भारतीय सिम कार्ड की तस्करी करने वाले संदिग्ध चीनी नागरिक को छह दिनों की पुलिस हिरासत

बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास से अवैध घुसपैठ करते पकड़े गए संदिग्ध चीनी नागरिक को शनिवार को अदालत ने छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। एजेंसियों द्वारा की गई पूछताछ में कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:12 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:12 PM (IST)
1,300 भारतीय सिम कार्ड की तस्करी करने वाले संदिग्ध चीनी नागरिक को छह दिनों की पुलिस हिरासत
बीएसएफ ने बंगाल के मालदा जिले में बांग्लादेश से घुसपैठ करते चीनी नागरिक को किया था गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास से अवैध घुसपैठ करते पकड़े गए संदिग्ध चीनी नागरिक को शनिवार को अदालत ने छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गुरुवार को बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करते चीन के हुबई प्रांत के निवासी हान जुनवेई (36) को गिरफ्तार किया था। बीएसएफ व अन्य जांच एजेंसियों द्वारा की गई पूछताछ के बाद बीएसएफ द्वारा शुक्रवार को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए उसे बंगाल पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया था।

बंगाल पुलिस ने आरोपित को शनिवार को मालदा जिला अदालत में पेश किया, जहां से उसे छह दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया। इससे पहले बीएसएफ व अन्य एजेंसियों द्वारा की गई पूछताछ में कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए। पूछताछ में जुनवेई ने बताया कि उसने और उसके साथियों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके पिछले दो वर्षों के दौरान करीब 1300 भारतीय सिम कार्ड को अंडर गारमेंट्स में छिपाकर यहां से छीन ले जा चुका है। आरोप है कि तस्करी की गई इन सिम कार्ड का इस्तेमाल बैंक खातों को हैक करने और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।

बीएसएफ ने चीनी नागरिक के पास से बड़ी संख्या में संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किया। उसने जांचकर्ताओं को बताया कि वह पहले कम से कम चार बार भारत आ चुका है और दिल्ली के पास गुरुग्राम में उसका एक होटल भी है। बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि जुनवेई एक वांछित अपराधी रहा है। वह अपने साथियों की मदद से अंडर गारमेंट्स में सिम छिपाता था और उसे चीन भेजता था। उसका मकसद सिम का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा देना तथा उन्हें ठप कर पैसा ऐंठना था।जांच एजेंसियों को उस पर भारत के खिलाफ जासूसी करने का भी शक है। वहीं, भारतीय सिम की चीन में तस्करी व साइबर धोखाधड़ी के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को भी जुनवेई की तलाश थी।

दरअसल, गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को ही पूछताछ में जुनवेई ने अधिकारियों को बताया कि उसके एक बिजनेस पार्टनर सन जियांग को यूपी एटीएस ने पिछले दिनों धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया था।जियांग ने ही एटीएस के समक्ष जुनवेई और उसकी पत्नी की अवैध गतिविधियों व उन्हें भारतीय सिम भेजे जाने के संबंध में खुलासा किया था।इसके बाद एटीएस ने जुनवेई और उनकी पत्नी के खिलाफ लखनऊ में मामला दर्ज किया‌ था, जिस वजह से उन्हें भारतीय वीजा नहीं मिला। जिसके बाद जुनवेई ने नेपाल और बांग्लादेश का वीजा लिया और भारत-बांग्लादेश सीमा से होकर अवैध रूप से घुसने की फिराक में था, लेकिन बीएसएफ द्वारा पकड़ा गया। उसने यह भी दावा किया कि वह गलती से भारत में आ गया और वह लखनऊ एटीएस के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहता था।

दूसरी ओर, यूपी एटीएस की चार सदस्यीय टीम जुनवेई से पूछताछ व उसे जांच के सिलसिले में ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए शुक्रवार सुबह में ही मालदा पहुंच गई थी।हालांकि फिलहाल चीनी नागरिक को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

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