दो साल से फुटपाथ पर गुजर-बसर कर रहीं बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली

मानसिक रूप से बीमार हैं इरा बसु फुटपाथ पर रहने के बावजूद किसी से भीख नहीं मांगतीं -इरा का है अपना बैंक अकाउंट उसी से करती हैं गुजारा बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली इरा बसु पिछले दो साल से फुटपाथ पर गुजर-बसर कर रही हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 02:42 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 04:05 PM (IST)
दो साल से फुटपाथ पर गुजर-बसर कर रहीं बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली
दो साल से फुटपाथ पर गुजर-बसर कर रहीं बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली इरा बसु पिछले दो साल से फुटपाथ पर गुजर-बसर कर रही हैं। वह मानसिक रूप से बीमार बताई जा रही हैं। इरा को अतीत में बुद्धदेव भट्टाचार्य की कई सभाओं में देखा गया है। वह खड़दह के प्रियनाथ बालिका विद्यालय में जीवन विज्ञान की शिक्षिका थीं। 1976 से 2009 तक उन्होंने वहां अध्यापन किया।

सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें पीएफ के रुपये मिले थे, हालांकि जरूरी कागजात जमा नहीं कर पाने के कारण अब तक उनका पेंशन शुरू नहीं हो पाया है। 72 साल की इरा उत्तर 24 परगना जिले के डनलप मोड़ के पास स्थित एटीएम के कोने में रहती हैं। अपने जीजाजी बुद्धदेव भट्टाचार्य व बहन मीरा भट्टाचार्य के बारे में पूछने पर अविवाहित इरा नाराज होकर कहती हैं कि उनसे उनका कोई रिश्ता नहीं है। दोनों अस्वस्थ हैं। उन्हें कोरोना भी हुआ था। उन्हें लेकर क्यों खींचतान कर रहे हैं?

पता चला है कि फुटपाथ पर रहने के बावजूद इरा ने कभी किसी से भीख नहीं मांगी। वह चाय तक अपने पैसे से खरीद कर पीती हैं। और तो और, वह कई दुकानदारों को अपने पैसे से बिरयानी भी खिलाती हैं। एक होटल से रोजाना अपने लिए भात, दाल, सब्जी खरीदकर ले जाती हैं। कोई अगर उन्हें खाना देता है तो लेने से मना कर देती हैं। इरा का अपना बैंक अकाउंट भी है, जिससे वह समय-समय पर अपनी जरुरत के हिसाब से रुपये निकालती है।

मानसिक रूप से बीमार होने पर भी इरा कोरोना को लेकर बेहद सतर्क रहती हैं और दूसरों को भी सावधान करती हैं। वह कहती हैं कि सिर्फ मास्क लगाने से नहीं होगा, शारीरिक दूरी बनाकर चलना होगा। जहां-तहां थूकना बंद करना होगा। इरा रोजाना अंग्रेजी और बांग्ला के समाचार पत्र भी पढ़ती हैं। आनलाइन पढ़ाई के वह खिलाफ हैं। उनका मानना है कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर पड़ता है।

पूर्व विधायक तन्मय भट्टाचार्य ने कहा कि बुद्धदेव भट्टाचार्य के मुख्यमंत्री रहते एक बार उन्होंने फुटपाथ से इरा का उद्धार करके उनके एक अच्छी जगह पर रहने की व्यवस्था की थी लेकिन कुछ समय बाद ही वह वहां से गायब हो गई थीं। इस बीच पता चला है कि खड़दह नगरपालिका की तरफ से इरा को मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

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