TMC में शामिल हो सकती हैं शिखा मित्रा, तृणमूल कांग्रेस संगठन बंग जननी में दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी

बंग जननी में सांगठनिक पद के अलावा शिखा को किसी सरकारी समिति में भी जगह दी जाएगी।शिखा अगर फिर से तृणमूल कांग्रेस से जुड़ती हैं तो यह बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के साथ उनकी दूसरी पारी होगी। 2008 में वह पति सोमेन मित्रा के साथ तृणमूल में शामिल हुई थीं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 08:22 AM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 08:59 AM (IST)
TMC में शामिल हो सकती हैं शिखा मित्रा,  तृणमूल कांग्रेस संगठन बंग जननी में दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी
तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं शिखा मित्रा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पूर्व बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष दिवंगत सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं। तृणमूल सूत्रों की मानें तो इसपर गत शुक्रवार रात हुई बैठक में मुहर लग चुकी है। दक्षिण कोलकाता सीट से तृणमूल सांसद माला रॉय शुक्रवार रात शिखा के घर पहुंचीं थी। पार्टी में शामिल होने के अलावा माला ने शिखा से तृणमूल के संगठन बंग जननी में बड़ी जिम्मेदारी के साथ काम करने की भी पेशकश की। शिखा ने उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

गौरतलब है कि गत मंगलवार को सोमेन की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिखा को फोन किया था। ममता के अलावा माला और चौरंगी से तृणमूल विधायक नयना बंद्योपाध्याय ने भी शिखा को फोन किया था। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर कुणाल घोष भी शिखा के घर गए थे। तभी से शिखा के तृणमूल में लौटने के कयास लगने लगे थे। तृणमूल सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते बंग जननी के बड़े पद पर शिखा के नाम की घोषणा की जाएगी। शिखा के पुत्र रोहन ने कहा-'तृणमूल नेतृत्व ने मां से संगठन के साथ काम करने की पेशकश की है।

सूत्रों के मुताबिक बंग जननी में सांगठनिक पद के अलावा शिखा को किसी सरकारी समिति में भी जगह दी जाएगी। शिखा अगर फिर से तृणमूल कांग्रेस से जुड़ती हैं तो यह बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के साथ उनकी दूसरी पारी होगी। 2008 में वह पति सोमेन मित्रा के साथ तृणमूल में शामिल हुई थीं। शिखा ने सियालदह विधानसभा सीट से उपचुनाव भी जीता था।

2011 में परिसीमन के बाद शिखा चौरंगी सीट तृणमूल के टिकट से खड़ी हुईं और फिर विधायक बनीं। सोमेन ने जनवरी, 2014 में तृणमूल छोड़ दी और कांग्रेस में लौट आए। इससे पहले ही शिखा ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से मित्रा परिवार के तृणमूल से अच्छे संबंध नहीं रहे हैं लेकिन पिछले साल जब सोमेन बीमार पड़े तो मुख्यमंत्री ने उनकी जानकारी ली। रिश्तों की बर्फ फिर से पिघलने लगी। सोमेन के निधन के बाद उन्हें राज्य सरकार का समर्थन मिला। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बताए बिना चौरंगी सीट पर शिखा के नाम की घोषणा कर दी थी। इससे नाराज शिखा ने भाजपा का टिकट ठुकराकर चुनाव नहीं लड़ा। 

chat bot
आपका साथी