वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा का निधन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जताया शोक

वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा का निधन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जताया शोक। चंदन मित्रा भाजपा के कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे लेकिन 2018 में भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वे दो बार राज्यसभा सदस्य रहे।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 03:35 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 03:35 PM (IST)
वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा का निधन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जताया शोक
वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा का देर रात दिल्ली में निधन हो गया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वरिष्ठ पत्रकार व पूर्व राज्यसभा सदस्य चंदन मित्रा (65) का बुधवार देर रात दिल्ली में निधन हो गया। उनके पुत्र कुशन मित्रा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मित्रा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है।

राष्ट्रपति ने अपने शोक संदेश में कहा-'चंदन मित्रा एक उत्कृष्ट पत्रकार थे और सांसद के रूप में उनके कार्यकाल ने उन्हें और ख्याति दी। हिंदीभाषी क्षेत्रों के साथ ही उनके इतिहास की उन्हें गहरी समझ थी। उनके निधन ने भारतीय पत्रकारिता में एक खालीपन छोड़ दिया है। उनके परिजनों और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा-'चंदन मित्रा को उनकी बुद्धिमता व परख के लिए याद किया जाएगा। मीडिया के साथ ही उन्होंने राजनीति की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। उनके निधन से आहत हूं।'

चंदन मित्रा भाजपा के कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे लेकिन 2018 में भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वे दो बार राज्यसभा सदस्य रहे। पहली बार अगस्त, 2003 से अगस्त, 2009 तक राज्यसभा सदस्य रहे, फिर भाजपा ने 2010 में उन्हें मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य बनाया था।

भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने चंदन मित्रा के साथ अपनी एक़ तस्वीर साझा करके लिखा है-'मैं 1972 में स्कूल ट्रिप के दौरान मेरे साथ चंदन मित्रा की तस्वीर पोस्ट कर रहा हूं। खुश रहो मेरे प्यारे दोस्त, तुम जहां भी हो।'

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा-'मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त पायनियर के संपादक और पूर्व सांसद चंदन मित्रा को खो दिया। हम ला मार्टिनियर के छात्र के रूप में एक साथ थे और सेंट स्टीफंस और ऑक्सफोर्ड गए। हम एक ही समय में पत्रकारिता में शामिल हुए और अयोध्या और भगवा लहर के उत्साह को साझा किया।' 

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