दुर्गापूजा बाद खुलेगी रिसड़ा की वेलिंग्टन जूट मिल, मजदूरों में खुशी की लहर, बोनस भी मिलेगा, श्रममंत्री के साथ हुई मीटिंग में फैसला

कोलकाता में श्रम दफ्तर में राज्य के श्रममंत्री बेचाराम मन्ना की अध्यक्षता में हुई त्रिपक्षीय बैठक में दुर्गापूजा बाद मिल खोले जाने का फैसला लिया गया। इस फैसले से श्रमिक लाइन में रहने वाले मजदूरों एवं उनके स्वजनों में खुशी देखी जा रही है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 10:24 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 10:24 PM (IST)
दुर्गापूजा बाद खुलेगी रिसड़ा की वेलिंग्टन जूट मिल, मजदूरों में खुशी की लहर, बोनस भी मिलेगा, श्रममंत्री के साथ हुई मीटिंग में फैसला
मिल खोले जाने को लेकर श्रममंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौजूद प्रतिनिधिगण।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दुर्गापूजा से पहले हुगली स्थित रिसड़ा की बंद पड़ी वेलिंग्टन जूट मिल को खोले जाने की खबर से श्रमिकों में खुशी की लहर है। बताया गया है कि 18 अक्टूबर से मिल में उत्पादन का काम शुरू किया जाएगा। शुक्रवार को कोलकाता में श्रम दफ्तर में राज्य के श्रममंत्री बेचाराम मन्ना की अध्यक्षता में हुई त्रिपक्षीय बैठक में दुर्गापूजा बाद मिल खोले जाने का फैसला लिया गया। इस फैसले से श्रमिक लाइन में रहने वाले मजदूरों एवं उनके स्वजनों में खुशी देखी जा रही है।

शुक्रवार को मिल की समस्या को लेकर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में जहां एक ओर श्रममंत्री बेचाराम मन्ना के साथ श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, वहीं मिल के अधिकारी एवं मान्यता प्राप्त यूनियन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।तृणमूल कांग्रेस के नेता साकीर अली ने बताया कि त्रिपक्षीय बैठक में यह फैसला हुआ कि अब मिल से सस्पेंशन आफ वर्क की नोटिस हटा ली जाएगी। सोमवार से मिल में मेंटेनेंस का काम शुरू होगा। उसी दिन मिल श्रमिकों में बोनस का भुगतान भी किया जाएगा। इसके बाद 18 अक्टूबर को पहली पाली से मिल में उत्पादन शुरू होगा।

साकीर अली ने कहा कि पिछले सात माह से बंद पड़ी एशिया की सबसे प्राचीन इस जूट मिल के श्रमिकों की दिन प्रतिदिन माली हालत काफी खराब होती जा रही थी। मैंने मिल को पुनः चालू करने के लिए कई बार प्रबंधन एवं श्रममंत्री के समक्ष गुहार लगाई थी। स्थानीय प्रशासन ने भी कई बार मिल खोले जाने के विषय पर अपने स्तर पर प्रयास किया था।

इधर, श्रमिकों का कहना है कि इस समय मिल खुलने से त्योहार मनाने में काफी सहूलियत होगी। मालूम हो कि 28 फरवरी 2021 को प्रबंधन ने नाना प्रकार की समस्याओं का उल्लेख करते हुए मिल में तालाबंदी कर दी थी। तब से इस मिल के लगभग तीन हजार मजदूर बेकार होकर इधर-उधर भटक रहे थे।

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