चाय उत्पादन में भारी कमी, महंगी हुई चुस्की, देश में चाय उत्पादन 15 करोड़ किलोग्राम घटा

जनवरी से सितंबर 2020 तक चाय नीलामी के औसत मूल्य में 31 फीसद की वृद्धि असम बंगाल व केरल में भारी बारिश और लॉकडाउन से चाय उत्पादन प्रभावित भारी बारिश और लॉकडाउन से चाय उत्पादन प्रभावित उत्पादन में भारी कमी देश में चाय उत्पादन 15 करोड़ किलोग्राम घटा

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 01:23 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 01:23 PM (IST)
चाय उत्पादन में भारी कमी, महंगी हुई चुस्की, देश में चाय उत्पादन 15 करोड़ किलोग्राम घटा
भारी बारिश और लॉकडाउन से चाय उत्पादन प्रभावित

कोलकाता, इंद्रजीत सिंह। देश में इस वर्ष ज्यादा बारिश और लॉकडाउन के कारण चाय का उत्पादन कम होने से इसकी कीमतों में बढ़ोतरी का रुख है। यह आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है। जनवरी से सितंबर 2020 तक चाय नीलामी के औसत मूल्य में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले यानी जनवरी से सितंबर 2019 की तुलना में 31 फीसद की वृद्धि हुई है। हालांकि, पैकेट बंद कंपनियों ने कीमतों में 20-22 फीसद वृद्धि की है।कोलकाता स्थित भारतीय चाय बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी-सितंबर 2020 के दौरान तीन तिमाहियों में भारतीय नीलामी में चाय की औसत कीमत प्रत्येक किलोग्राम 44.03 रुपए बढ़कर 185.76 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। पिछले वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान नीलामी में चाय की औसत कीमत 141.73 रुपए प्रति किलोग्राम थी। इसका मतलब प्रत्येक किलोग्राम में 31 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

भारी बारिश और लॉकडाउन से चाय उत्पादन प्रभावित

भारतीय चाय एसोसिएशन के सचिव सुजीत पात्रा ने बताया कि देश में असम और बंगाल प्रमुख चाय उत्पादक राज्य हैं जहां पहले लॉकडाउन के कारण चाय बागानों में काम ठप पड़ गया था, वहीं पिछले तीन-चार महीनों में भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात के कारण उत्पादन पर असर पड़ा है। इस साल के पहले पहले नौ महीने में 15 करोड़ किलोग्राम चाय उत्पादन घटा है। टी बोर्ड के आंकड़ों मुताबिक प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण इस वर्ष चाय का उत्पादन 15 से 18 फीसद घटने की संभावना है।जनवरी से सितंबर 2020 के दौरान देश का कुल चाय उत्पादन 67.1 करोड़ किलोग्राम रहा जो पिछले साल जनवरी से सितंबर 2019 के दौरान 82.3 करोड़ किलोग्राम था। इस प्रकार लगभग 15 करोड़ किलोग्राम चाय उत्पादन कम रहा। यानी उत्पादन में 18.5 फीसद की गिरावट आई है। चाय उत्पादन दक्षिण भारत के मुकाबले पूर्वोत्तर में सबसे प्रभावित हुआ है।

सीटीसी पत्ती और डस्ट श्रेणी में मूल्य वृद्धि सबसे ज्यादा

मूल्य वृद्धि मुख्य रूप से सामान्य सीटीसी पत्ती और डस्ट श्रेणी में हुई है, जिसकी आम लोगों में सबसे ज्यादा खपत है। कोलकाता स्थित एशिया केे सबसे चाय नीलामी केंद्र जे थॉमस एंड कंपनी के मुताबिक नीलामी में सीटीसी चाय का भाव सितंबर में 300 रुपये प्रति किलोग्राम रहा जो पिछले साल सितंबर में 170 रुपये प्रति किलोग्राम था। इसी प्रकार डस्ट किस्म की कीमत 185 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 310 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण घर के बाहर की खपत प्रभावित हुई है।हालांकि दूसरी तरफ लोग घर पर अधिक चाय पी रहे हैं। उद्योग सूत्रोंं का कहना है कि साल की आखिरी तिमाही में भी रिकवरी आने की संभावना नहीं है।

निर्यात के मोर्चे पर भी लगेगा तगड़ा झटका

भारतीय चाय निर्यातक संघ (आईटीईए) के अध्यक्ष अंशुमान कनोरिया ने कहा कि इस साल भारत का चाय निर्यात भी प्रभावित होगा, क्योंकि केन्या में उत्पादन 30 फीसद से अधिक बढ़ा है। इसकी कीमतें कम हैं। चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल निर्यात लगभग 25.2 करोड़ किलोग्राम का हुआ था। उन्होंने कहा कि इस साल हमें आशंका है कि निर्यात का आकार घटकर 18 करोड़ किलोग्राम के आसपास जाएगा। 

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