विस चुनाव में बुरी हार की वजह अब सीधे जनता से जानेगी माकपा, इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों से करेगी संपर्क
माकपा अब इसका जवाब सीधे जनता से जानेगी। गौरतलब है कि माकपा की अगुवाई वाले वाममोर्चा ने इस बार भी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसके साथ ही उसने फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी द्वारा गठित पार्टी आइएसएफ के साथ भी समझौता किया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : हालिया संपन्न बंगाल विधानसभा में माकपा को इतनी बुरी हार क्यों झेलनी पड़ी, पार्टी में इस समय इसे लेकर जबर्दस्त माथापच्ची चल रही है। माकपा अब इसका जवाब सीधे जनता से जानेगी। गौरतलब है कि माकपा की अगुवाई वाले वाममोर्चा ने इस बार भी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसके साथ ही उसने फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी द्वारा गठित पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ भी समझौता किया था।
विधानसभा चुनाव में माकपा समेत किसी भी वामदल को एक भी सीट नसीब नहीं हुई।कांग्रेस का भी सूपड़ा साफ हो गया। सिर्फ आइएसएफ की झोली में एक सीट आई। बंगाल विधानसभा चुनाव के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वामदल व कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। पिछले दिनों हुई माकपा की राज्य कमेटी की बैठक में हार के नतीजों पर गहराई से मंथन हुआ। पार्टी के अधिकांश जिला संगठनों ने इसके लिए आइएसएफ के साथ समझौते को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि माकपा अंतिम नतीजे पर पहुंचने से पहले अब सीधे जनता जनार्दन से इसका जवाब चाहती है। सूत्रों ने बताया कि इस बाबत पार्टी इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों से संपर्क करेगी।
पार्टी के मुखपत्र के जरिए भी लोग इसपर अपनी राय रख सकते हैं। इसके अलावा लोग माकपा के अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित पार्टी मुख्यालय आकर भी अपना मत व्यक्त कर सकते हैं। पार्टी ने अपनी तरफ से जो निष्कर्ष निकाला है, उससे जनता की राय का मिलान किया जाएगा और उसके मुताबिक ही भविष्य में रणनीति तैयार की जाएगी। माकपा के एक वर्ग ने हार के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन को भी जिम्मेदार ठहराया है और इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस विधानसभा उपचुनावों व नगर निकायों के चुनावों को देखते हुए गठबंधन को बरकरार रखना चाहती है।