CAB: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बंगाल में चौथे दिन भी हिंसक विरोध-प्रदर्शन
Protest in Bengal. बिगड़े हालात को देखते हुए कोलकाता पुलिस के सभी अधिकारियों की छुट्टी रद कर दी गई है। इसके साथ ही हिंसा से निपटने के लिए राज्य पुलिस ने टोल फ्री नंबर शुरू किया।
कोलकाता, जेएनएन। Protest in Bengal. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बंगाल में चौथे दिन सोमवार को भी हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर रेल और सड़क यातायात को ठप कर दिया। कई रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में तोड़फोड़ की गई। एहतियातन सोमवार को भी कई ट्रेनों को रद कर दिया गया। अफवाहें फैलने से रोकने के लिए हावड़ा समेत छह जिलों में इंटरनेट सेवा बंद रही। इस बीच, बिगड़े हालात को देखते हुए कोलकाता पुलिस के सभी अधिकारियों की छुट्टी रद कर दी गई है। इसके साथ ही हिंसा से निपटने के लिए राज्य पुलिस ने टोल फ्री नंबर शुरू किया है।
दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर, डायमंड हार्बर, गोचरण, दक्षिण बारासात, लक्ष्मीकांतपुर समेत कई जगहों पर बिजली के तारों में केले के पत्ते डालकर ट्रेन संचालन ठप कर दिया गया। कुछ जगहों पर लोकल ट्रेनों पर पथराव किया गया। हावड़ा के दादूपुर, आमता, पूर्व मेदिनीपुर के सुताहाट, घाटाल समेत अन्य स्थानों पर भी रेल व सड़क यातायात बाधित किया गया। हल्दिया-मेचेदा रोड पर टायर जलाकर यातायात ठप कर दिया गया। नदिया में राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदर्शनकारियोंने घंटों अपने कब्जे में रखा और टायर जलाकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वीरभूम और मुर्शिदाबाद जिलों के कई शहरों में भी सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया गया।
हावड़ा जिले के विभिन्न स्थानों पर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया गया। जाम हटवाने पहुंची पुलिस का घेराव कर विरोध किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। कोलकाता के राजारहाट, न्यूटाउन और कॉलेज स्ट्रीट में सीएए का विरोध कर रहे लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया।
एहतियातन उक्त मार्गो को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। पूर्व रेलवे के सीपीआरओ निखिल चक्रवर्ती ने बताया कि रेल प्रशासन ने कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सियालदह डिवीजन के कृष्णानगर-लालगोला सेक्शन, मालदा डिवीजन के न्यू फरक्का-अजीमगंज सेक्शन तथा बजबज सेक्शन में ट्रेन संचालन को बंद रखा।
आज के युवा नहीं चाहते सावरकर का भारत: अपर्णा
फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बंगाल में जारी हिंसात्मक विरोध-प्रदर्शन को गलत ठहराते हुए कहा-'इस कानून का विरोध हम सभी कर रहे हैं, लेकिन विरोध के नाम पर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना गलत है। मौजूदा हालात से निपटने को महात्मा गांधी के दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत है।'
अपर्णा ने ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा-'आज के युवा सावरकर के भारत को स्वीकार नहीं करेंगे। देश के विभिन्न हिस्सों में युवा सीएए व एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। देश के सात राज्यों ने इस कानून का विरोध किया है।'
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की बर्बरता की निंदा करते हुए उन्होंने छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है। मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कई अन्य कदम की भी उन्होंने आलोचना की।
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