'स्वास्थ्य साथी' योजना: बकाया रकम को लेकर निजी अस्पताल ने ममता सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में किया मुकदमा
संजीवन अस्पताल ने सरकार पर स्वास्थ्य साथी योजना के तहत 64 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने का लगाया आरोप। अस्पताल में करीब छह हजार कोरोना के मरीजों का इलाज किया गया जिनमें अधिकांश के इलाज का भुगतान राज्य सरकार ने नहीं किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : संजीवन अस्पताल ने ममता सरकार पर 64 करोड़ रुपये के बकाए को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया है। हावड़ा जिले के उलबेरिया इलाके में स्थित इस निजी अस्पताल के प्रबंधन का आरोप है कि 'स्वास्थ्य साथी' योजना के तहत कोरोना के मरीजों का इलाज करने को लेकर उसके राज्य सरकार पर 64 करोड़ रुपये बकाया हैं। इस योजना के तहत अस्पताल में करीब छह हजार कोरोना के मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें से अधिकांश के इलाज का खर्च का राज्य सरकार की ओर से अब तक उसे भुगतान नहीं किया गया है।
बहुत से निजी अस्पताल नहीं दे रहे योजना का लाभ
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट की तरफ से राज्य सरकार को इस मामले में सात दिनों के अंदर हलफनामा जमा करने का निर्देश दिया गया था लेकिन 21 दिन बीत जाने पर भी ऐसा नहीं किया गया है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य साथी योजना केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना की तर्ज पर चल रही बंगाल सरकार की स्कीम है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बहुत से निजी अस्पताल स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ लोगों को नहीं दे रहे हैं। यह सरकार की स्कीम है, जिसका निजी अस्पतालों को पालन करना होगा।
मरीजों को वापस लौटाए जाने के कई मामले आए
ममता ने आगे हिदायत देते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन अस्पतालों का लाइसेंस रद किया जा सकता है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य साथी कार्ड होने के बावजूद मरीजों को विभिन्न निजी अस्पतालों द्वारा लौटा दिए जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी क्षुब्ध हैं और उनकी सरकार अब सख्त कदम उठाने जा रही है। स्वास्थ्य साथी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है।