बंगाल की जेल में एक साल पहले कैदी ने दी थी खुदकुशी, एनएचआरसी ने विधि सेवा प्राधिकरण से मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बंगाल की जेल में कैदी की खुदकुशी के मामले को बुधवार को गंभीरता से लेते हुए इस संबंध में बंगाल के विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव से चार सप्ताह के भीतर संबंधित जेल की स्थिति पर जवाब मांगा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बंगाल की जेल में कैदी की खुदकुशी के मामले को बुधवार को गंभीरता से लेते हुए इस संबंध में बंगाल के विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव से चार सप्ताह के भीतर संबंधित जेल की स्थिति पर जवाब मांगा है। इस मामले से संबंधी कार्रवाई के दौरान एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि ये घटनाएं बंगाल की जेलों में कुप्रबंधन का खुलासा करती हैं। यही नहीं मुंबई की जेल में हुई मौत को लेेकर महाराष्ट्र के भी विधि सेवा प्राधिकरण से जवाब तलब किया है।
बयान के अनुसार कोलकाता के दमदम केंद्रीय सुधार गृह(सेंट्रल जेल) व नवी मुंबई में तलोजा केंद्रीय कारागार में दो कैदियों द्वारा खुदकुशी के मामला संज्ञान में आने के बावजूद संबंधित अधिकारियों द्वारा अपेक्षित रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने को को लेकर एनएचआरसी ने गंभीरता से लिया है। एनएचआरसी ने कहा कि जेल नियमावली में ऐसे वातावरण प्रदान करने के पर्याप्त प्रावधान हैं, जो किसी भी कैदी को खुदकुशी के लिए नहीं उकसा सकते हैं। यही कारण है कि जेल की कोठरियों में छत के पंखे और हैंगिंग हुक नहीं लगाए जाते हैं।
आयोग ने कहा कि नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में एक विचाराधीन कैदी ने 27 मई, 2020 को आत्महत्या कर ली, जबकि कोलकाता में दमदम केंद्रीय सुधार गृह में एक दोषी कैदी ने 28 अप्रैल, 2020 को इलाज के दौरान एसएसकेएम अस्पताल में खुदकुशी कर ली। बयान के अनुसार दोनों मामलों में आयोग ने क्रमश: बाम्बे और कलकत्ता उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार के माध्यम से विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव को चार सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र एवं बंगाल की जेलों की स्थिति पर रिपोर्ट देने को कहा है।