बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा ने 1946 में कलकत्ता में हुई हिंसा को भी पीछे छोड़ दिया: सुवेंदु अधिकारी

गाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को इस साल हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि राज्य में गत दो महीने में जो भी कुछ हुआ है

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 08:39 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 08:39 PM (IST)
बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा ने 1946 में कलकत्ता में हुई हिंसा को भी पीछे छोड़ दिया: सुवेंदु अधिकारी
बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी का दावा

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को इस साल हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि राज्य में गत दो महीने में जो भी कुछ हुआ है, उसने वर्ष 1946 में कलकत्ता में हुई हिंसा की घटना को भी पीछे छोड़ दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुताबिक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने यह कथित हिंसा की है। अधिकारी ने दावा किया कि राज्य में ममता बनर्जी के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पांच मई से अब तक तृणमूल कांग्रेस के कथित ‘गुंडों’ द्वारा कम से कम 30 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है।

उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने चुनाव बाद हिंसा पर तैयार रिपोर्ट में जो टिप्पणी की है उसने ‘दुनिया को हिला दिया’ है। हम उम्मीद करते हैं कि एनएचआरसी की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद न्यायपालिका कार्रवाई करेगी। हालांकि यह रिपोर्ट घटना के छोटे हिस्से को उजागर करती है लेकिन ऐसी रिपोर्ट किसी भी समझदार व्यक्ति को शर्मसार कर देगी। बंगाल में गत दो महीने में जो कुछ भी हुआ है, उसने 1946 के कलकत्ता हत्याकांड, नोआखाली दंगे और सिखों की हत्याओं को भी पीछे छोड़ दिया है। अधिकारी ने यह बात तब कही जब भाजपा हिंसा में मारे गए अपने कार्यकर्ताओं की याद में ‘शहीद श्रद्धांजलि दिवस’ मना रही है। बुधवार को ही तृणमूल कांग्रेस का वार्षिक २१ जुलाई ‘शहीद दिवस’ रैली भी थी।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि गत कुछ सालों में कम से कम 175 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं। नंदीग्राम से विधायक अधिकारी ने कहा कि‘तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि राज्य पुलिस द्वारा उकसाए गए ऐसे हमलों से भाजपा का राज्य में सफाया हो जाएगा, लेकिन वे गलतफहमी में हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा ने 25 हजार बेघर कार्यकर्ताओं, समर्थकों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षित घर बनाया है। भाजपा के विधायक ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘वह भवानीपुर से नंदीग्राम चुनाव लड़ने आई थीं।

जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद वह विधानसभा के लिए चुने जाने को लेकर उतावली हैं न कि कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए। उन्होंने कहा कि नई परिपाटी शुरू की गई है, गैर विधायक मुख्यमंत्री राज्य में राज कर रही हैं। निश्चित तौर पर हम एक दिन इस सरकार को सत्ता से बाहर करेंगे।

हमारी संख्या विधानसभा में तीन से बढ़कर 77 हो गई है। अधिकारी ने जानना चाहा कि क्यों ‘सत्तारूढ़ दल लंबे समय से लंबित नगर निकाय चुनाव कराने को उत्सुक नहीं है।’ बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर मुख्यमंत्री की कथित चुप्पी’’ की आलोचना करते हुए भाजपा की एक अन्य विधायक अग्निमित्रा पाल ने कहा कि सब कुछ होने के बावजूद हमारी महिला मुख्यमंत्री चुप हैं।

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