West Bengal Politics: राज्यपाल जगदीप धनखड़ के आरोपों के बाद बंगाल में सियासत तेज

West Bengal Politics तृणमूल सहित विपक्षी माकपा व कांग्रेस ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर पक्षपात का लगाया आरोप - लगाया है। राज्यपाल के बचाव में खड़ी हुई भाजपा दावा किया है कि संभव है कि धनखड़ ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश भी की हो।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 11:43 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 11:43 AM (IST)
West Bengal Politics: राज्यपाल जगदीप धनखड़ के आरोपों के बाद बंगाल में सियासत तेज
राज्यपाल जगदीप धनखड़ के आरोपों के बाद बंगाल में सियासत तेज

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार के साथ विभिन्न मुद्दों पर लगातार जारी टकराव के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर राज्य में कानून व्यवस्था के हालात पर गंभीर चिंता जताई और कई गंभीर आरोप लगाए। उनके इस कदम के बाद बंगाल में सियासत तेज हो गई है। 

 सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने जहां राज्यपाल को भाजपा का प्रवक्ता बताते हुए बंगाल को बदनाम करने का आरोप लगाया, वहीं माकपा व कांग्रेस ने भी उन पर निशाना साधा है। दूसरी ओर, भाजपा ने राज्यपाल का समर्थन करते हुए यह भी दावा किया कि संभव है कि धनखड़ ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश भी की हो, क्योंकि उसके सिवा अब राज्य में कोई भी विकल्प नहीं बचा है। भाजपा के दावे के बाद सियासत और गरमा गई है। 

 तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि राज्यपाल को बंगाल पर उंगली उठाने से पहले भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में अराजकता को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह भगवा खेमे को राजनीतिक मदद करने के लिए भाजपा के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं। वहीं, चटर्जी के विचारों से सहमति जताते हुए उनकी पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल पर भाजपा के लाउडस्पीकर की तरह काम करने का आरोप लगा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि धनखड़ राजभवन के लिए कलंक हैं। 

 दूसरी ओर, भाजपा के आकाओं को खुश करने के लिए कथित तौर पर अपने पद से समझौता करने को लेकर राज्यपाल की विपक्षी कांग्रेस और माकपा ने भी आलोचना की है। लेकिन, उन्होंने इस बात से सहमति जताई कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। माकपा के वरिष्ठ नेता समिक लाहिरी ने कहा- 'हां, राज्यपाल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का पूरा हक है। बाद में उन्होंने बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में बोला। हम इससे सहमत हैं। लेकिन यही भाजपा देश भर में इसी तरह के अत्याचार करने की आरोपी है।' 

 वहीं, कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल की रिपोर्ट और बयानों को किसी राजनीतिक दल के पक्ष में होने के बजाय संतुलित होना चाहिए। हालांकि प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने राज्यपाल का बचाव करते हुए कहा कि राज्य में अराजकता फैली हुई है। उन्होंने यहां तक दावा किया कि संभव है धनखड़ ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश भी की हो, क्योंकि उसके सिवा यहां कोई भी विकल्प नहीं बचा है।

 राज्यपाल ने लगाए हैं गंभीर आरोप 

एक दिन पहले गृहमंत्री शाह के साथ बैठक के बाद राज्यपाल ने कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, 'राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन अपने पांव पसार रहा है और इससे वहां आतंकवाद पनप रहा है। वहां के हालात विस्फोटक हो रहे हैं। बम फैक्ट्रियां चल रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं की लगातार हत्याएं हो रही हैं। राज्य में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कोई भी संविधान का पालन नहीं कर रहा है।'

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