West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में अब बुआ और बेटी पर टीएमसी और भाजपा में सियासी जंग
West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल में बुआ और बेटी पर तृणमूल कांग्रेस व भाजपा में सियासी जंग शुरू हो गई है। बंगाल भाजपा ने महिला नेताओं के पोस्टर जारी कर कहा कि बंगाल को बुआ नहीं बेटी चाहिए। वहीं टीएमसी ने कहा कि बंगाल को अपनी बेटी पसंद है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: विधानसभा चुनाव 2021 की तारीखों के एलान के बाद अब बंगाल में बुआ और बेटी पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) तथा भाजपा में सियासी जंग शुरू हो गई है। एक तरफ जहां बंगाल भाजपा ने महिला नेताओं के पोस्टर जारी कर कहा है कि बंगाल को बुआ नहीं बेटी चाहिए। वहीं, टीएमसी ने भी जवाब में कहा कि बंगाल को अपनी बेटी पसंद है। दरअसल, भाजपा ने पोस्टर में बंगाल की नौ पार्टी महिला नेताओं के चेहरे लगाए हैं। जिनमें रूपा गांगुली, देबश्री चौधरी, लॉकेट चटर्जी, भारती घोष, अग्निमित्रा पॉल शामिल हैं। भाजपा के पोस्टर में लिखा है, 'बंगाल अपनी खुद की बेटी चाहता है, पिशी (बुआ) नहीं।'
बंगाल केवल अपनी बेटी चाहता है: प्रशांत किशोर
इस बीच, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर अपने ट्वीट से राज्य की राजनीति में सरगर्मी बढ़ाने की कोशिश की है। शनिवार को उन्होंने लिखा- 'भारत में लोकतंत्र की अहम लड़ाई बंगाल में लड़ी जाएगी और बंगाल के लोग अपने संदेश के साथ तैयार हैं। बंगाल केवल अपनी बेटी चाहता है। दो मई को मेरा पिछला ट्वीट जरूर देखिएगा।' बीते साल दिसंबर में किशोर ने दावा किया था कि 'अगर भाजपा बंगाल में बेहतर प्रदर्शन करती है तो मैं अपना पेशा छोड़ दूंगा।' किशोर ने कहा था - 'मीडिया का एक वर्ग भाजपा के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है, इससे साफ है कि भाजपा दहाई के आंकड़े के लिए संघर्ष कर रही है।
बुआ भी बंगाल की बेटी ही है: टीएमसी
दूसरी तरफ, भाजपा के इस पोस्टर पर तृणमूल ने कटाक्ष किया है। इस संबंध में तृणमूल नेत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, “बुआ भी बंगाल की बेटी ही है। सभी की एक बुआ होती है। जिनके चेहरे का उन्होंने इस्तेमाल किया है, वे भी किसी की बुआ हैं ?” टीएमसी ने ममता बनर्जी को 'बंगाल की बेटी' के रूप में दर्शाया है। हाल ही में टीएमसी ने ममता को 'बंगाल की बेटी' के रूप में दिखाते हुए अपना मुख्य अभियान 'बांग्ला निजेर मेयेके चाय' की शुरुआत की थी। टीएमसी ने ममता की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, "उनका जीवन न्याय के लिए संघर्षरत रहा है।उनकी मानवता ने बंगाल के हर व्यक्ति के दिल को छू लिया है। उनकी सादगी और दोस्ती ने उन्हें घर की बेटी बना दिया है। उनके नेतृत्व में बंगाल प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा। इसीलिए हर कोई कह रहा है -'बांग्ला निजेर मेयेके चाय। '