PM Modi Bengal visit: सौरव के पीएम मोदी की ब्रिगेड रैली में शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व मौजूदा बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली क्या सात मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होंगे? क्या वे पीएम मोदी की मौजूदगी में भगवा पार्टी का झंडा थामेंगे?

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 04:52 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 04:52 PM (IST)
PM Modi Bengal visit: सौरव के पीएम मोदी की ब्रिगेड रैली में शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार
सौरव अगर ब्रिगेड रैली में आते हैं तो यह यकीनन भाजपा के लिए उत्साह बढ़ाने वाला साबित होगा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व मौजूदा बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली क्या सात मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होंगे? क्या वे पीएम मोदी की मौजूदगी में भगवा पार्टी का झंडा थामेंगे? अगर वे भाजपा में शामिल होते हैं तो क्या उन्हें भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया जाएगा? सूबे के सियासी गलियारे में ये सवाल घूम रहे हैं। इस बारे में अब तक न तो बंगाल भाजपा की तरफ से स्पष्ट तौर पर कुछ कहा गया है और न ही सौरव अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य की तरफ से ही कोई बयान दिया गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सौरव अगर ब्रिगेड रैली में आते हैं तो यह यकीनन भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव से पहले उत्साह बढ़ाने वाला साबित होगा। सौरव को लेकर चल रही अटकलों के बीच भाजपा की तरफ से फिलहाल यही कहा गया है कि उनका स्वास्थ्य और कोलकाता का मौसम अगर उन्हें पीएम मोदी की रैली में आने की अनुमति देगा तो हम उनका तहे दिल से स्वागत करेंगे।

गौरतलब है कि सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस की ओर से बार-बार यही सवाल उठाया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में ममता के सामने भाजपा का चेहरा कौन होगा? भाजपा को ऐसे उम्मीदवार की तलाश है जो ममता को कड़ी टक्कर दे सके। सौरव के हामी भरने पर यह तलाश पूरी हो सकती है। बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का मानना है कि सौरव जैसे सफल शख्सियत को राजनीति में आना चाहिए। उनकी पार्टी सभी को तृणमूल के खिलाफ साथ लाने की कोशिश कर रही है। 

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल में जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए 18 सीटें जीती थी लेकिन वह वह केंद्र का चुनाव था, जिसे भाजपा ने पीएम मोदी को सामने रखकर लड़ा था। यह सूबे का चुनाव है। भाजपा को तृणमूल से जोरआजमाइश करने के लिए प्रभावी चेहरे की जरुरत महसूस हो रही है। सवाल यह है कि ब्रिगेड रैली में अगर सौरव नहीं आते हैं तो बंगाल की सियासत में क्या समीकरण उभर सकते हैं? सौरव के भाजपा में शामिल होने को लेकर कई मौकों पर चर्चा हुई है।

सौरव ने पिछले साल दिसंबर में राजभवन जाकर जब बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की थी, तब सियासी गलियारों में उनके राजनीति में आने की चर्चा अचानक तेज हो गई थी लेकिन उसके बाद अचानक उन्हें दिल का दौरा पडऩे व दो-दो बार एंजियोप्लास्टी होने के बाद मामला ठंडा पड़ गया था। यूं तो बंगाल की राजनीति में सौरव को लेकर चर्चा तभी से शुरू हो गई थी, जब उन्हें पिछले साल बीसीसीआइ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था लेकिन सौरव ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। फिलहाल सबकी नजरें पीएम मोदी की रैली पर है। देखना यह है कि सौरव उसमें शामिल होते हैं या नहीं।

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