चिताएं अधिक जलने के कारण श्मशान घाटों के आसपास में रहने वाले लोगों का वायु प्रदूषण के कारण जीना हुआ दुभर

कोलकाता निमतल्ला श्मशान घाट के निकट गंगा नदी के किनारे बाबा भूत नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही दाह संस्कार में आने वाले लोगों को निकलते धुएं के कारण सांस लेने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:27 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:27 AM (IST)
चिताएं अधिक जलने के कारण श्मशान घाटों के आसपास में रहने वाले लोगों का वायु प्रदूषण के कारण जीना हुआ दुभर
चिताएं अधिक जलने के कारण निमतल्ला इलाके के आसमान में फैल रहा है धुआं ही धुआं

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। हालत कुछ ऐसी हो गयी है कि अब श्मशान घाटों में भी कतारें लगने लगी हैं कोरोना से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए। हर रोज चिताएं इतनी ज्यादा जल रही हैं कि निमतल्ला इलाके के आसमान में धुआं ही धुआं फैलता नजर आ रहा है जिस कारण इलाके में प्रदूषण का खतरा भी काफी बढ़ गया है।

निमतल्ला श्मशान घाट में कोरोना के मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वृहत्तर बड़ाबाजार के उत्तर कोलकाता के एक मात्र श्मशान घाट में बढ़ रहे मृतकों के दाह संस्कार के कारण जिस अनुपात में धुआं निकल रहा है, उससे आसपास में रहने वाले लोगों का वायु प्रदूषण के कारण जीना दुभर हो गया है। निमतल्ला श्मशान घाट के निकट गंगा नदी के किनारे बाबा भूत नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही दाह संस्कार में आने वाले लोगों को निकलते धुएं के कारण सांस लेने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।

इधर, मृतकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निमतल्ला का भार कम करने के लिए चूल्ही बढ़ाने की मांग की गई है। वर्तमान में निमतल्ला में चार चूल्ही का इस्तेमाल कोरोना मृतकों के शवों के लिए किया जाता है जब​कि चार चूल्ही में सामान्य शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। कोलकाता नगर निगम से मांग की गयी है कि निमतल्ला में चूल्ही कोरोना मृतकों के लिए चूल्ही की संख्या बढ़ाकर छह की जाए और चार चूल्ही का इस्तेमाल सामान्य शवों के लिए किया जाये।

जानकारी के अनुसार, निमतल्ला घाट में रोजाना लगभग 100 शवों के अंतिम संस्कार के लिए चूल्ही की व्यवस्था आवश्यक है। फिलहाल पूरी व्यवस्था नहीं हाेने के कारण रोजाना शवों की कतारें घाट पर लग जा रही हैं। हर रोज 100 के तकरीबन कोरोना मृतकों के शव केवल निमतल्ला घाट में आ रहे हैं, लेकिन चार चूल्ही में अधिकतम 70 शवों के संस्कार की व्यवस्था है। ऐसे में हर रोज 30-40 और कभी – कभी तो उससे अधिक लंबी कतारें लग जा रही हैं। 

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