बंगाल सरकार का पेगासस जांच आयोग कामकाज कर रहा, कोर्ट के आदेश में इसका जिक्र नहीं: समिति सदस्य

पेगासस साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर बंगाल के कई लोगों की कथित फोन टैपिंग किये जाने की जांच के लिए राज्य की ममता बनर्जी सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच आयोग सामान्य रूप से कामकाज कर रहा है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में आयोग पर कुछ नहीं कहा है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:05 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:05 PM (IST)
बंगाल सरकार का पेगासस जांच आयोग कामकाज कर रहा, कोर्ट के आदेश में इसका जिक्र नहीं: समिति सदस्य
जुलाई में ममता बनर्जी ने पेगासस जांच के लिए गठित किया दो सदस्यीय आयोग

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः पेगासस साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर बंगाल के कई लोगों की कथित फोन टैपिंग किये जाने की जांच के लिए राज्य की ममता बनर्जी सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच आयोग सामान्य रूप से कामकाज कर रहा है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने आदेश में आयोग पर कुछ नहीं कहा है। आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ज्योतिर्मय भट्टाचार्य ने यह बताया। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने भारत में कई खास लोगों की जासूसी के लिए इजराइली साफ्टवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए बुधवार को साइबर विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय एक समिति नियुक्त की थी।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) भट्टाचार्य ने गुरुवार को कहा कि चूंकि उच्चतम न्यायालय के बुधवार के आदेश में हमारा (दो सदस्यीय आयोग का) कोई जिक्र नहीं किया गया, इसलिए हमारी गतिविधियों पर रोक लगाने का कोई आदेश नहीं है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आयोग अपने अधिकार क्षेत्र के मुताबिक सामान्य रूप से कामकाज कर रहा है।

जुलाई में गठित किए गए आयोग के अन्य सदस्य उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) मदन बी लोकुर हैं। खबरों के मुताबिक, राज्य में इस साल की शुरूआत में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पेगासस के संभावित लक्ष्यों में तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर तथा अन्य शामिल थे।

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