Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी को ओवैसी की नहीं चाल
Bengal Assembly Elections 2021 ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नया चाल चला है। बिहार के पांच व तेलंगाना के दो पार्टी विधायकों को ओवैसी ने बंगाल में चुनाव कार्य के लिए किया तैनात।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के विधानसभा चुनाव में सूबे की लगभग 30 फीसद मुस्लिम आबादी काफी अहम है। यह वोट बैंक पिछले लोकसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के साथ था। परंतु, अब इस में सेंधमारी की कोशिश शुरू हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नया चाल चला है। उसने बिहार में जीते अपने पांच विधायकों को बंगाल के अलग-अलग जिलों में पर्यवेक्षक बनाकर भेजने का निर्णय लिया है, ताकि मुस्लिम वोटरों और पार्टी नेताओं को एकजुट कर चुनावी तैयारी को अंतिम रूप दिया जाए।
ओवैसी ने ममता बनर्जी को घेरने के लिए पहले ही फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बसा सिद्दीकी से हाथ मिला लिया है। पीरजादा ने अपनी नई पार्टी भी बना ली है।
अब ओवैसी ने बिहार के अपने पांच विधायकों और तेलंगाना के दो विधायकों को बंगाल चुनाव का महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है। बिहार के विधायकों की बात करें तो ओवैसी ने अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर के विधायक अख्तरूल इमान और पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आदिल हसन को मुर्शिदाबाद,बीरभूम और नदिया जिले के पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया है। जोकिहाट विधायक मोहम्मद शाहनवाज
और कोचाधामन विधायक मोहम्मद इजहार अस्फी को ओवैसी ने उत्तर व दक्षिण दिनाजुपर, कूचबिहार और अलीपुरद्वार जिले का पर्यवेक्षक बनाया है। वहीं बायसी के विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अंजार नईमी को मालदा जिले की कमान सौंपी गई है। यहां बताना आवश्यक है कि ओवैसी ने पार्टी विधायकों को बिहार से सटे बंगाल के जिले में भेजा है।