West Bengal: अब दो कर्मचारियों को रिलीज करने को लेकर राज्यपाल और बंगाल सरकार आमने-सामने

West Bengal अब दो कर्मचारियों को रिलीज करने को लेकर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट में कानूनी जंग शुरू हो गई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण को समझने के लिए राजभवन के अतिरिक्त मुख्य सचिव को तलब किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 09:12 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 09:12 PM (IST)
West Bengal: अब दो कर्मचारियों को रिलीज करने को लेकर राज्यपाल और बंगाल सरकार आमने-सामने
अब दो कर्मचारियों को रिलीज करने को लेकर राज्यपाल और बंगाल सरकार आमने-सामने। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच टकराव कोई नहीं बात नहीं है। अब तक जुबानी और पत्र या फिर ट्विटर के माध्यम से लड़ाई होती थी। परंतु अब दो कर्मचारियों को रिलीज करने को लेकर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट में कानूनी जंग शुरू हो गई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण को समझने के लिए राजभवन के अतिरिक्त मुख्य सचिव को तलब किया है, जो दो फरवरी न्यायाधीश के समक्ष हाजिर होना है। वैसे यह विवाद पिछले वर्ष नवंबर में शुरू हुआ। राजभवन की ओर से वहां के दो कर्मचारियों को अचानक रिलीज ऑर्डर थमा दिया गया। आमतौर पर राजभवन में कर्मचारियों की नियुक्त राज्य सरकार की ओर से की जाती है। इसलिए रिलीज ऑर्डर में दोनों ही कर्मचारियों को राज्य सरकार से संपर्क करने को कहा गया।

इसके बाद दोनों ही कर्मी रिलीज ऑर्डर के साथ राज्य सरकार से संपर्क किया। राज्य की ओर से उन्हेंं बताया गया कि इस समय किसी अन्य जगह नियुक्ति संभव नहीं है। इसलिए उन्हेंं राजभवन में ही ड्यूटी करनी होगी। राज्य सरकार के इस निर्देश के साथ दोनों कर्मचारी वापस राजभवन पहुंचे, लेकिन वहां से उन्हेंं फिर से वापस भेज दिया गया। इसी तरह से राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच दोनों कर्मचारी चार बार चक्कर लगाते रहे। पर, समस्या का समाधान नहीं हुआ। रिलीज ऑर्डर मिलने के बाद दोनों का वेतन भी रुक गया है। आखिरकार मजबूर होकर दोनों ने जनवरी के पहले सप्ताह में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर सुनवाई के बाद राजभवन के अतिरिक्त मुख्य सचिव को तलब किया गया है। यहां कोर्ट में सवाल यह उठा है कि राज्य को सूचित किए बिना राजभवन ने रिलीज ऑर्डर दोनों कर्मचारियों को क्यों थमाया? कर्मचारियों से ठीक से संवाद क्यों नहीं किया गया? उनकी अपील पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इन सारे सवाल को विस्तार से राजभवन के अतिरिक्त मुख्य सचिव को जवाब देने को कहा गया है। 

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