West Bengal: नैहाटी विस्फोट कांड में एनआइए ने बताई तीन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही, कार्रवाई की सिफारिश
West Bengal पिछले साल नौ जनवरी को नैहाटी के गंगा पार इलाके में जबरदस्त विस्फोट हुआ था जिससे आसमान में धुएं का गुबार फैल गया था। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई घरों की टीन की छत उड़ गई थी और खिड़कियों के शीशे चटक गए थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: नैहाटी विस्फोट कांड में तीन उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही बताते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। इनमें उत्तर 24 परगना की जिलाधिकारी चैताली चक्रवर्ती, बैरकपुर के पुलिस अधीक्षक मनोज वर्मा और जिले के उद्योग अधिकारी प्रणब नस्कर शामिल हैं। खुद एनआइए के डीजी योगेश चंदर मोदी ने राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को कार्रवाई की सिफारिश की प्रति भेजी है। गौरतलब है कि पिछले साल नौ जनवरी को नैहाटी के गंगा पार इलाके में जबरदस्त विस्फोट हुआ था, जिससे आसमान में धुएं का गुबार फैल गया था।
विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई घरों की टीन की छत उड़ गई थी और खिड़कियों के शीशे चटक गए थे। घटना के बाद पुलिस की तरफ से बताया गया था कि एक पटाखा कारखाने में लगी आग के बाद वहां से बरामद विस्फोटकों को वहां लाकर रखा गया था और बाद में विस्फोट करके उसे निष्क्रिय किया गया था। विस्फोट की तीव्रता को देखते हुए विरोधी राजनीतिक दलों ने इसकी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी। फिर एनआइए जांच शुरू हुई थी। एनआइए ने अपनी विशेष अदालत में चार्जशीट भी पेश कर दी है। एनआइए की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी बड़े परिमाण में विस्फोटक को बेहद लापरवाह तरीके से निष्क्रिय किया गया। स्थानीय लोग भी इससे अनभिज्ञ थे। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की कोताही साफ तौर पर नजर आ रही है और राज्य प्रशासन से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की जाती है।
गौरतललब है कि तीन जनवरी, 2020 को नैहाटी के मामूदपुर पंचायत क्षेत्र स्थित अवैध पटाखा कारखाने में भीषण विस्फोट होने के चलते पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल थी। इसके बाद बैरकपुर के पुलिस आयुक्त (सीपी) मनोज कुमार वर्मा के निर्देश पर 100 से अधिक अवैध पटाखा कारखानों में छापामारी अभियान चला कर पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया था, जिन्हें इस दिन नष्ट करने पुलिस नदी किनारे पहुंची थी।