सीबीआइ की छापेमारी में नए तथ्य आए सामने, पशु तस्करी के सरगना इनामुल हक ने 2017 में 7 करोड़ का भरा था इनकम टैक्स

खुलासा- इनामुल ने 13 लाख रुपये में खरीदी थी पिस्टल। 7 दिन के भीतर ही कोलकाता पुलिस ने दे दिया था लाइसेंस। बीएसएफ व कस्टम के अलावा राज्य में पुलिस व प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क का पता चला।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 08:39 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 08:39 PM (IST)
सीबीआइ की छापेमारी में नए तथ्य आए सामने, पशु तस्करी के सरगना इनामुल हक ने 2017 में 7 करोड़ का भरा था इनकम टैक्स
मवेशियों की तस्करी मामले में सीबीआइ की छापेमारी से कई नए तथ्य सामने आए हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए मवेशियों की तस्करी मामले में सीबीआइ की छापेमारी से कई नए तथ्य सामने आए हैं। इस पूरे नेटवर्क में पशु तस्करी का सबसे बड़ा कथित सरगना इनामुल हक के न केवल आतंकी संगठनों से गठजोड़ के तार मिले हैं बल्कि बीएसएफ व कस्टम के अधिकारियों के साथ- साथ राज्य सरकार के उच्च पदों पर आसीन कुछ वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनेताओं से मिलीभगत के बारे में अहम जानकारी हाथ लगी है। इतना ही नहीं सीबीआइ को इमानुल के बारे में और भी कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। 

आवेदन करने के 7 दिन के भीतर ही मिला हथियार का लाइसेंस

सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, साल 2017 में इनामुल ने 7 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स जमा किया था। उसी साल नवंबर में उसने 13 लाख रुपये में एक पिस्टल भी खरीदी थी। कोलकाता के एक पुलिस अधिकारी भी उसकी पिस्टल की गुणवत्ता देखकर हैरान रह गए थे। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इनामुल को आवेदन करने के 7 दिन के भीतर ही कोलकाता पुलिस ने हथियार का लाइसेंस भी दे दिया था। 

25 राउंड की बजाय 100 राउंड बुलेट (गोलियों) की अनुमति दी थी 

जांचकर्ताओं का दावा है कि उस समय कोलकाता पुलिस के कुछ बड़े अधिकारी ने उसे लाइसेंस दिलाने में मदद की थी। इतना ही नहीं इनामुल को 100 राउंड बुलेट (गोलियों) की अनुमति दी गई थी जबकि सामान्य लाइसेंस धारियों को 25 राउंड बुलेट की ही अनुमति दी जाती है। सीबीआइ अब देखना चाहती है कि आवेदन करने के 7 दिनों के भीतर इनामुल को पिस्तौल का लाइसेंस कैसे मिल गया। 

महिला विधायक को हर महीने 20 लाख रुपये देता था इनामुल हक

सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अधिकारी व प्रभावशाली लोगों ने इसमें उसकी मदद की थी। इसमें एक महिला विधायक का भी नाम मिला है। महिला विधायक ने बीएसएफ में भी इनामुल की लिंक करवाई थी। यह भी पता चला है कि इनामुल उक्त महिला विधायक को हर महीने 20 लाख रुपये भेजता था। 

विधायक व पुलिस अधिकारियों के साथ CBI कर सकती पूछताछ 

विधायक बंगाल में सत्ताधारी दल से जुड़ी बताई जा रही है। सीबीआइ इस मामले में विधायक व पुलिस अधिकारियों के साथ इनामुल को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ भी कर सकती है। जांचकर्ताओं का दावा है कि मुर्शिदाबाद जिले में चार पुलिस अधिकारियों व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इनामुल के करीबी संपर्क थे। 

न केवल बीएसएफ बल्कि कई पुलिस अधिकारी नेटवर्क में शामिल

उन्होंने यह भी दावा किया कि इनामुल के राज्य में कम से कम 10 पुलिस अधिकारियों और उच्च रैंक के कई अधिकारियों के साथ संपर्क के प्रारंभिक सबूत मिले हैं। सीबीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि न केवल बीएसएफ बल्कि कई पुलिस अधिकारी भी पशु तस्करी के नेटवर्क में शामिल थे। नतीजतन उन अधिकारियों के बयान दर्ज किए जाने की आवश्यकता है। 

बुधवार को बंगाल सहित देश में 15 स्थानों पर CBI की छापेमारी 

उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने 3 दिन पहले मवेशियों की तस्करी मामले में बीएसएफ की 36वीं बटालियन के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार सहित तस्करी के सरगना इनामुल हक एवं उसके दो सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। बुधवार को सीबीआइ ने बंगाल में कई स्थानों सहित देश में 15 स्थानों पर छापेमारी की थी।

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