अब बंगाल में सौर ऊर्जा के लिए व्यक्तिगत घरों को भी नेट मीटरिंग की दी गई अनुमति

आम लोगों के लिए सौर ऊर्जा को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए पश्चिम बंगाल बिजली नियामक आयोग (डब्ल्यूबीईआरसी) ने रूफटॉप सौर ऊर्जा के नियमनों में ढील दी है। डब्ल्यूबीईआरसी के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 04:49 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:26 PM (IST)
अब बंगाल में सौर ऊर्जा के लिए व्यक्तिगत घरों को भी नेट मीटरिंग की दी गई अनुमति
अब बंगाल में सौर ऊर्जा के लिए व्यक्तिगत घरों को भी नेट मीटरिंग की दी गई अनुमति

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन को व्यक्तिगत घरों पर रूफटॉप (छत पर) सौर पैनल के लिए नेट मीटरिंग की अनुमति दे दी है। आम लोगों के लिए सौर ऊर्जा को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए पश्चिम बंगाल बिजली नियामक आयोग (डब्ल्यूबीईआरसी) ने रूफटॉप सौर ऊर्जा के नियमनों में ढील दी है। डब्ल्यूबीईआरसी के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

आयोग ने अब एक किलोवॉट (केवी) क्षमता के लिए नेट मीटरिंग की अनुमति दे दी है। पहले इसके लिए 5 केवी की क्षमता की जरूरत थी। साथ ही यह कुछ ही श्रेणियों के उपभोक्तओं को उपलब्ध थी।

पहले सहकारिताओं को छोड़कर किसी व्यक्ति या आवासीय परिसर को नेट मीटरिंग की अनुमति नहीं थी। डब्ल्यूबीईआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि नेट मीटरिंग के बिना रूफटॉप सौर परियोजना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाती।

अधिकारी ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए हमने एक केवी से 5 केवी के सौर ऊर्जा पैनल के लिए नेट मीटरिंग की अनुमति दे दी है। अब किसी के भी रूफटॉप सौर पैनल लगाने की रोक नहीं है। पहले आम घरों के लिए नेट मीटरिंग की अनुमति नहीं थी। पूर्व में सिर्फ संस्थानों, वाणिज्यिक, औद्योगिक और सहकारी आवासों को नेट मीटरिंग का लाभ मिलता था। 

इसकी शुरुआत भी 5 केवी से होती थी। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि डब्ल्यूबीईआरसी ने हालिया संशोधन के जरिये एक केवी से नेट मीटरिंग की अनुमति दे दी है। लेकिन इसे 5केवी तक सीमित रखा है। संशोधनों के अनुसार 5 केवी से अधिक की स्थापित क्षमता के लिए ‘ग्रॉस मीटरिंग’ की जरूरत होगी।

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