घोजाडांगा चेकपोस्ट के पास बीएसएफ ने दवाइयों की तस्करी करते कस्टम से जुड़े सीएफ एजेंट को पकड़ा

बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित घोजाडांगा चेकपोस्ट के पास से अब दवाइयों की तस्करी करते कस्टम से जुड़े एक क्लीयरिंग एंड फॉरवर्डिंग (सी एंड एफ) एजेंट को ही रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:34 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:34 AM (IST)
घोजाडांगा चेकपोस्ट के पास बीएसएफ ने दवाइयों की तस्करी करते कस्टम से जुड़े सीएफ एजेंट को पकड़ा
घोजाडांगा चेकपोस्ट के पास से तस्करी करते गिरफ्तार सी एंड एफ एजेंट।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित घोजाडांगा चेकपोस्ट के पास से अब दवाइयों की तस्करी करते कस्टम से जुड़े एक क्लीयरिंग एंड फॉरवर्डिंग (सी एंड एफ) एजेंट को ही रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत 153वीं बटालियन की सीमा चौकी घोजाडांगा के सतर्क जवानों ने एक खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) से ठीक वाले स्थित बीएसएफ के चेकपोस्ट पर बुधवार दोपहर में तलाशी के दौरान उसे पकड़ा।

उसके पास से बड़ी मात्रा में दवाइयां बरामद की गई जिसे उसने कपड़े के अंदर अपने शरीर में छिपा रखा था। आरोपित के पास से जब्त 26 स्ट्रिप्स दवाइयों और एक मोबाइल फोन की कीमत करीब 19,291 रुपये है। इनमें नौ हजार रुपये से अधिक मूल्य की दवाइयां हैं। इन दवाइयों को वह निर्यात का माल लेकर बांग्लादेश जाने वाले किसी वाहन चालक या किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से तस्करी के उद्देश्य से बांग्लादेश भेजने वाला था। लेकिन बीएसएफ के सतर्क सीमा प्रहरियों ने उसके मंसूबे पर पानी फेर दिया।

तस्करी के आरोप में पकड़े गए शख्स का नाम राकेश सरकार (22) है। वह उत्तर 24 परगना के बसीरहाट थाना अंतर्गत उत्तरपारा, घोजाडांगा गांव का ही रहने वाला है। आइसीपी घोजाडांगा पर तैनात भारतीय कस्टम का वह रजिस्टर्ड सी एंड एफ एजेंट है। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उसे बसीरहाट थाने के हवाले कर दिया है।

बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की थपथपाई पीठ

इधर, 153वीं बटालियन बीएसएफ के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने अपने जवानों की सतर्कता व दवाइयों के साथ तस्कर की गिरफ्तारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर तैनात उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही यह संभव हो पाया है। कमांडेंट नेगी ने आगे बताया कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ कोलकाता की ओर से चलाए जा रहे शून्य तस्करी के संकल्प को पूरा करने के लिए उनके जवान दृढ़ और प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने दावा किया कि आगे भी उनके बटालियन के क्षेत्र से किसी भी प्रकार की तस्करी को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

बीएसएफ को हमेशा रहना पड़ता है चौकन्ना, सरकारी एजेंसियों से जुड़े लोग ही तस्करी में हैं लिप्त!

यहां बताना आवश्यक है कि दक्षिण बंगाल सीमांत इलाके में बीएसएफ को एक साथ कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये जो घोजाडांगा का इलाका है वहां बड़े इलाके में सीमा पर फेंसिंग भी नहीं लगी है। दूसरा इस इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट की सुरक्षा के साथ बीएसएफ को सीमा की भी रखवाली करनी पड़ती है। इस चेकपोस्ट के जरिए बड़े पैमाने पर निर्यात होता है।

वहीं, सरकारी एजेंसियों जैसे कस्टम व अन्य संस्थान एवं इससे जुड़े एजेंट ही कथित तौर पर इस तरह तस्करी में लिप्त हैं, तो ऐसे में बीएसएफ की चुनौती और भी बढ़ जाती है। बीएसएफ को हमेशा चौकन्ना रहना पड़ता है।दरअसल, निर्यात का माल लेकर बांग्लादेश जाने वाले ट्रकों में तस्करी का सामान छिपा कर भेजने का मामला सामने अक्सर सामने आता रहता है। इसको लेकर कस्टम पर लगातार सवाल उठते रहते हैं, क्योंकि सीमा पार जाने वाले वाहनों को क्लीयरेंस देने व तलाशी का अधिकार उसे ही है।

बीएसएफ को सभी ट्रकों की तलाशी का अधिकार भी नहीं है। बीएसएफ सिर्फ उन्हीं वाहनों या व्यक्ति की तलाशी ले सकती है जिसके बारे में उसे पुख्ता सूचना हो कि वह कोई प्रतिबंधित सामान छिपाकर ले जा रहा है। ऐसी स्थिति में बीएसएफ को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।जब तक सभी एजेंसियां मिलकर कारगर तरीके से अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं करेंगे तब तक तस्करी पर पूरी तरह अंकुश लगाना बहुत चुनौतीपूर्ण है। 

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