Citizenship Bill 2019 नागरिकता संशोधन बिल पर पूर्वोत्तर से बंगाल तक संग्राम, जानें- अब तक के सारे हालात

National Register of Citizens नागरिकता संशोधन बिल पर थम नही रहा प्रदर्शन नागरिकता संशोधन बिल पर पूर्वोत्तर से बंगाल तक संग्राम।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 12:49 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 01:16 PM (IST)
Citizenship Bill 2019 नागरिकता संशोधन बिल पर पूर्वोत्तर से बंगाल तक संग्राम, जानें- अब तक के सारे हालात
Citizenship Bill 2019 नागरिकता संशोधन बिल पर पूर्वोत्तर से बंगाल तक संग्राम, जानें- अब तक के सारे हालात

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है लेकिन इसके विरोध में पूर्वोत्तर समेत उत्तर बंगाल में में भारी विरोध चल रहा है। भाजपा और उसके समर्थक संगठनों को छोड़  अन्य विरोधी दल टीएमसी, कांग्रेस और बामपंथी संगठन इसका विरोध कर सड़क पर उतर रहे है। इसको लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए है। 

मिल रही जानकारी के अनुसार असम में छात्र संगठन सड़कों पर उतर गए हैं, तो वहीं कई फ्लाइट भी रद्द हो गई हैं। सिर्फ असम ही नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश, मेघालय समेत अन्य राज्यों में भी विरोध तेज होता जा रहा है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।

नागरिकता बिल के खिलाफ आसमान से जमीं तक प्रदर्शन

नागरिकता बिल के खिलाफ प्रदर्शन के बीच कई फ्लाइट पर असर पड़ा है। गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ जाने वाली उड़ानों को रद्द कर दिया है।  इंडिगो ने गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट की फ्लाइट रद्द कर दी हैं। डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट पर अभी 5 जाने वाली और 7 आने वाली उड़ान रद्द हुई हैं। इंडिगो के अलावा स्पाइसजेट, विस्तारा की उड़ानें भी रद्द हुई हैं।

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बीजेपी विधायक प्रशांत फूकान के घर या काफिले पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और नागरिकता बिल के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने डिब्रूगढ़ में आरएसएस दफ्तर पर हमला किया और वहां आग लगा दी। इसमें 4 मोटर साइकिल और कुछ अन्य चीजों को नुकसान हुआ। असम के छाबुआ, पानितोला रेलवे स्टेशन पर बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की, इस दौरान वहां खड़े वाहनों पर भी तोड़फोड़ की गई।

प्रदर्शनकारियों ने आगजनी व वाहनों पर भी कि तोड़फोड़ 

असम में राज्य की 20 बसों को भी नुकसान पहुंचाया गया। तिनसुकिया में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की, ट्रैफिक बूथ के साथ आगजनी भी की। तिनसुकिया में ही भाजपा के एक अस्थाई दफ्तर को नुकसान पहुंचाया गया।तिनसुकिया में चार दुकानों को आग लगा दी गई है। गुरुवार सुबह यहां एक शव भी बरामद हुआ है। असम में लगातार विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है।

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल शहर में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़े स्तर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बुधवार को कुछ समय के लिए यहां लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंस गये। प्रदर्शनकारियों ने गुवाहाटी और राजधानी दिसपुर में टॉयर जलाकर लगभग हर सड़क को अवरुद्ध कर दिया जिससे कार्यालय जाने वाले लोग फंस गये। 

प्रधानमंत्री के नागरिकों से अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को ट्वीट कर असम के नागरिकों से अपील की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि नागरिकता संशोधन बिल के पास होने से असम के लोगों का हक नहीं छीनेगा। इससे ना तो असम के हकों, अस्मिता छिनेगा और ना ही अधिकार छीनेगा। असम के अलावा अरुणाचल प्रदेश, मेघालय में भी छात्र संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं।

गुरुवार को ही मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा अमित शाह से मिलेंगे। नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुस्लिम लीग के अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने भी इसको लेकर SC का रुख करेंगे। सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, सेना की दो टुकड़ियां तत्काल गुवाहाटी जा रही हैं और वे जल्द ही पहुंच जायेंगी। जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि ये टुकड़ियां शहर में पहुंचते ही तैनात कर दी जायेंगी और ये फ्लैग मार्च करेंगी।हालांकि, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने अगरतला में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के किसी भी स्थान पर सेना तैनात नहीं की गयी है।

उन्होंने बताया कि असम राइफल्स की टुकड़ियों को हिंसाग्रस्त धलाई जिले में तैनात रखा गया है, जबकि कुछ अन्य स्थानों पर बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने बृहस्पतिवार को त्रिपुरा में बंद का आह्वान किया है। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी असम की सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई और इससे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गयी है। 

नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़े स्तर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन

हालांकि किसी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं जिनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। कुछ छात्र नेताओं ने दावा किया कि सचिवालय के सामने पुलिस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये। गैर आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ तथा जोरहाट जैसे अन्य स्थानों पर कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। इसी तरह की घटनाएं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से भी सामने आयी है। 

कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के अखिल गोगोई ने इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालयों ने सभी परीक्षाओं को 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आये गैर मुस्लिम शरणार्थी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।  

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