नारद मामले में तत्कालीन चार विधायकों के खिलाफ सीबीआइ को आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति दी
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपित तत्कालीन चार विधायकों के खिलाफ सीबीआइ को आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है। चार विधायक हैं फिरहाद हकीम सुब्रत मुखर्जी मदन मित्रा और सोवन चटर्जी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपित तत्कालीन चार विधायकों के खिलाफ सीबीआइ को आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है। चार विधायक हैं फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी। उनमें से पहले तीन ने फिर से चुनाव जीता और विधायक बने। सोवन चुनाव में खड़े नहीं हुए। पहले तीन तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं।
सोवन तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। बाद में उन्होंने फिर से भाजपा छोड़ दी। जिनके नाम नारद मामले में आरोपितों की सूची में शामिल हैं, उनमें सुवेंदु अधिकारी भी हैं जो अब भाजपा विधायक हैं। हालांकि उनका नाम अनुमोदन सूची में नहीं है। सीबीआइ ने कहा कि जिस समय मामला शुरू हुआ था, तब सुवेंदु एक सांसद थे। उनके मामले में लोकसभा अध्यक्ष मंजूरी देंगे।
ऐसे में सवाल यह है कि क्या इन चार विधायकों के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति मांगी गई थी? इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, 'सीबीआइ ने मुझे कोई पत्र नहीं दिया है। उच्च न्यायालय ने मुझसे बार-बार पूछा है कि क्या सीबीआइ ने मुझे पत्र भेजा है कि आप विधायकों के खिलाफ जांच को मंजूरी दें। मैंने हमेशा कहा है कि हमें कोई पत्र नहीं मिला है।'हालांकि, वकील बिकाश भट्टाचार्य ने कहा, 'चूंकि नई विधानसभा का गठन अभी तक नहीं हुआ है, राज्यपाल इस मामले में अनुमति दे सकते हैं।'
सवाल उठ सकता है कि इतने दिनों से जांच चल रही है। यह 2016 की शिकायत है। पिछले पांच वर्षों में राज्य विधानसभा के अध्यक्ष से अनुमति क्यों नहीं ली गई? सीबीआइ ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया।सीबीआइ के एक वकील ने कहा, 'मामला अदालत के समक्ष लंबित है। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।' सीबीआइ के एक सूत्र के अनुसार शुक्रवार को राज्यपाल द्वारा दी गई अनुमति के अनुसार, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा सात के तहत अदालत में आरोप पत्र दायर किया जा सकता है।
सीबीआइ के एक सूत्र के मुताबिक इस मामले में आरोपित छह सांसदों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की आवश्यक अनुमति काफी समय पहले लोकसभा अध्यक्ष से मांगी गई थी। वह अनुमोदन अभी तक नहीं आया है। गौरतलब है कि पत्रकार मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसने कई तृणमूल नेताओं को कैमरे के सामने रिश्वत लेते देखा गया था बाद में कई नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी।