नारद स्टिंग प्रकरण : शीर्ष अदालत ममता बनर्जी व मलय घटक की अपीलों पर 25 जून को करेगी सुनवाई

उच्च न्यायालय ने नौ जून को नारद स्टिंग टेप मामले को स्थानांतरित करने की सीबीआइ की अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनके हलफनामे रिकार्ड पर लेने से इन्कार कर दिया था। प्रारंभ में ये अपीलें न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ के सामने सूचीबद्ध थीं।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 09:42 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 09:42 PM (IST)
नारद स्टिंग प्रकरण : शीर्ष अदालत ममता बनर्जी व मलय घटक की अपीलों पर 25 जून को करेगी सुनवाई
पीठ इस मामले की 23 जून को निर्धारित सुनवाई दो दिन के लिये और स्थगित करने का अनुरोध करेगी।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के नौ जून के आदेश के विरूद्ध बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मलय घटक की अपीलों पर 25 जून को सुनवाई करने का फैसला किया। उच्च न्यायालय ने नौ जून को नारद स्टिंग टेप मामले को स्थानांतरित करने की सीबीआइ की अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनके हलफनामे रिकार्ड पर लेने से इन्कार कर दिया था।

प्रारंभ में ये अपीलें न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ के सामने सूचीबद्ध थीं। लेकिन न्यायमूर्ति बोस ने बिना कोई कारण बताये इस मामले की सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने इस मामले को दूसरी पीठ को सौंप दिया।

दो दिन के लिये और स्थगित करने का अनुरोध करेगी

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वर की पीठ ने अपराह्न इस विषय पर सुनवाई शुरू की। न्यायमूर्ति सरन ने प्रारंभ में ही कह दिया कि चूंकि यह मामला इस पीठ के लिये नया है, इसलिए उसे सुनवाई करने से पहले फाइलों पर नजर दौड़ाने की जरूरत है। इस पीठ को जब यह बताया गया कि शीर्ष अदालत ने पहले उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि जब तक वह इन अपीलों पर फैसला नहीं कर लेती है तब तक वह (उच्च न्यायालय) अपनी सुनवाई टाल दे, इस पर उसने (न्यायमूर्ति सरन एवं न्यायमूर्ति माहेश्वरी की पीठ ने) कहा कि वह भी यही आदेश देगी। पीठ ने कहा कि वह भी उच्च न्यायालय में इस मामले की 23 जून को निर्धारित सुनवाई दो दिन के लिये और स्थगित करने का अनुरोध करेगी।

पीठ के दलीलें पूरी करने के सवाल पर ‘हां’ में जवाब

नयी पीठ ने तब सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता तथा वरिष्ठ वकीलों-- राकेश द्विवेदी और विकास सिंह से सवाल किया कि क्या वे शुक्रवार को अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे तब वकीलों ने ‘हां’ में जवाब दिया।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पहले उच्चतम न्यायालय ने 18 जून को कहा था कि उच्च न्यायालय 21 और 22 को इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकता है ।

अनुमति देने से इन्कार करने के आदेश को चुनौती

चूंकि इस मामले आज सुनवाई नहीं हो पायी इसलिए, हम आशा करते हैं कि उच्च न्यायालय ने 25 से पहले किसी भी तारीख पर इस मामले पर सुनवाई नहीं करेगा। शीर्ष अदालत को राज्य सरकार की अपील समेत तीन अपीलों पर सुनवाई करनी थी जिनमे सीबीआइ द्वारा 17 मई को तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की गिरफ्तारी के दिन अपनी भूमिका को लेकर बनर्जी एवं घटक को हलफनामा दाखिल करने की अनुमति देने से इन्कार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है।

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