मुकुल रॉय मुद्दा: अगर अध्यक्ष की अदालत में सुनवाई टलती है तो भाजपा उच्च न्यायालय जाएगी

भाजपा का कहना है कि अगर टीएमसी में शामिल हुए पार्टी के पूर्व नेता मुकुल रॉय को विधायक के तौर पर अयोग्य ठहराने की उसकी याचिका पर अगर लंबे समय तक सुनवाई जारी रहती है तो वह इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय जाएंगे।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:38 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:38 AM (IST)
मुकुल रॉय मुद्दा: अगर अध्यक्ष की अदालत में सुनवाई टलती है तो भाजपा उच्च न्यायालय जाएगी
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पार्टी के पूर्व नेता मुकुल रॉय को विधायक के तौर पर अयोग्य ठहराने की उसकी याचिका पर अगर लंबे समय तक सुनवाई जारी रहती है तो वह इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।

शुक्रवार को दूसरे दिन की सुनवाई के बाद अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने कहा कि 17 अगस्त को फिर से सुनवाई होगी। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें अध्यक्ष के पद पर विश्वास है, हमें इसे संसदीय प्रणाली के नजरिये से देखना होगा। लेकिन चीजों की एक सीमा है। अगर सुनवाई के चरण को लंबे समय तक बढ़ाने की प्रवृत्ति है, तो हम उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।’’

नंदीग्राम के भाजपा विधायक ने कहा कि उन्होंने वकीलों से इस मुद्दे पर चर्चा शुरू कर दी है। सत्रह जुलाई को अध्यक्ष के कक्ष में राय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने के अनुरोध वाली याचिका पर पहली सुनवाई में भाग लेने के बाद अधिकारी ने कहा था कि इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हुआ तो भाजपा अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

पिछले साल दिसंबर में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले अधिकारी ने कहा कि भाजपा के पास संदेह करने के कारण हैं क्योंकि अतीत में कभी भी विधानसभा में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कई मामले हैं।’’

दिल्ली में निर्वाचन आयोग के साथ तृणमूल कांग्रेस की बैठक में पश्चिम बंगाल की छह रिक्त सीटों पर जल्द से जल्द उपचुनाव कराने की मांग पर, अधिकारी ने आश्चर्य जताया कि यह कैसे संभव हो सकता है जब राज्य प्रशासन ने खुद घोषित किया है कि राज्य में कोविड की स्थिति अभी भी बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य ने खुद राजनीतिक सभाओं और धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि सभागारों में 50 लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति है।’’अधिकारी ने कहा कि कोई भी चुनाव कराने से पहले अधिकांश मतदाताओं का टीकाकरण, यहां तक कि एक खुराक भी जरूरी है।

इस बीच तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि भाजपा विधानसभा उपचुनावों में देरी करने के लिए उत्सुक है क्योंकि इस साल की शुरुआत में हुए आठ चरणों के चुनावों में बंगाल के लोगों द्वारा खारिज किए जाने के बाद उसका हारना तय है। घोष ने आरोप लगाया कि आठ चरणों के चुनाव ने कोविड -19 की स्थिति को खराब किया क्योंकि बंगाल के बाहर से भाजपा नेताओं ने बड़ी संख्या में लोगों को उस समय यहां बुलाया, जब महामारी फैल रही थी।

तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की दिल्ली यात्रा के बारे में पूछे जाने पर, जहां उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी दलों के गठबंधन को एक साथ लाने के तरीकों का पता लगाने के वास्ते वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत की, अधिकारी ने इसे अधिक महत्व देने से इन्कार कर दिया। अधिकारी ने कहा कि 2019 में वह कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में तृणमूल कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता के रूप में मंच पर कई विपक्षी नेताओं के साथ शामिल हुई थी। हालांकि, इसके बाद हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा सत्ता में लौट आई। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव होने में अभी तीन साल बाकी हैं। नरेंद्र मोदी (सत्ता से) को हटाना आसान नहीं है।’’

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