मार्मिक : नाबालिग बेटी को देह व्यापार के दलदल से बचाने के लिए बांग्लादेशी मां ने लांघी सरहद

नाबालिग बेटी को देह व्यापार के दलदल से बचाने के लिए बांग्लादेशी मां अवैध तरीके से सरहद पार कर भारत में घुस आईं। बेटी को देह व्यापार में शामिल दलालों के चंगुल से मुक्त भी करा लिया लेकिन गैरकानूनी तरीके से वापस बांग्लादेश लौटते बीएसएफ ने मां-बेटी को धर दबोचा।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:05 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:24 PM (IST)
मार्मिक : नाबालिग बेटी को देह व्यापार के दलदल से बचाने के लिए बांग्लादेशी मां ने लांघी सरहद
अवैध तरीके से बांग्लादेश लौटते समय मां-बेटी को बीएसएफ ने किया था गिरफ्तार।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : अपनी नाबालिग बेटी को देह व्यापार के दलदल से बचाने के लिए एक बांग्लादेशी मां अवैध तरीके से सरहद पार कर भारत में घुस आईं।बेटी को देह व्यापार में शामिल दलालों के चंगुल से मुक्त भी करा लिया, लेकिन गैरकानूनी तरीके से वापस बांग्लादेश लौटते समय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मां-बेटी को धर दबोचा। यह घटना बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला के सीमावर्ती इलाके की है। हालांकि, मां- बेटी की मार्मिक आपबीती सुनने और मामले की पूरी तस्दीक करने के बाद बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने दोनों को मानवीय आधार पर सकुशल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया है। बीएसएफ की ओर से बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी गई।

बेटी को बचाने के लिए अवैध रूप से भारत की सीमा में दाखिल होने का दुस्साहस करने वाली मां की पहचान 45 वर्षीय समीरा (काल्पनिक नाम) के रूप में हुई है जबकि एवं बेटी अलीमा (काल्पनिक नाम) की उम्र 17 वर्ष है। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि दोनों को मंगलवार दोपहर में सीमा चौकी जीतपुर, 99वीं वाहिनी के इलाके से गैरकानूनी तरीके से अंतररराष्ट्रीय सीमा पार करते पकड़ा गया था। पूछताछ में पता चला कि नाबालिक लड़की को दलालों ने ब्यूटी पार्लर में नौकरी का झांसा देकर अवैध तरीके से भारत लाकर उसे देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया था। जब उसकी मां को बेटी की इस हालात के बारे में पता चला तो उन्होंने भारत आकर बेटी को देह व्यापार में शामिल दलालों के चंगुल से छुड़ाने की ठानीं।

बांग्लादेशी दलाल ने लड़की को भारतीय दलाल के हाथों डेढ़ लाख में बेच दिया था

पूछताछ के दौरान अलीमा (17) ने बीएसएफ को बताया कि उसकी मर्जी के खिलाफ उसके माता- पिता ने उसकी शादी तय कर दी थी। इसी दौरान उसके गांव के दो लोग कालू और सुहाग ने उसको भारत में ब्यूटी पार्लर में काम दिलाने का वादा किया। फिर उनकी बातों में आकर वह शादी से बचने के लिए अपने घर से भागी और कालू के साथ भारत आई। यहां कालू ने उसे मोहमद अली नाम के एक भारतीय दलाल के हाथों उसे डेढ़ लाख में बेच दिया। फिर दलाल उसे बंगाल के सीमावर्ती उत्तर दिनाजपुर जिले के पंजीपाड़ा लेकर आए और वहां देह व्यापार का काम कराने लगे। नाबालिग लड़की ने आगे बताया कि मिथुन नाम का एक लड़का जो कि उसके पास आता था, उसने उसकी दुःख भरी कहानी सुनकर उसकी मां को बांग्लादेश में फोन से पूरी कहानी बताई।

ग्राम प्रधान की मदद से मां ने बेटी को दलालों के चंगुल से कराया आजाद

लड़की की मां ने बताया कि उसकी बेटी 16 जनवरी 2021 से गायब थी और इसकी एक रिपोर्ट पल्लवी मीरपुर, ढाका बंगलादेश थाने में दर्ज करवाई थी। कुछ दिन पहले भारत से मिथुन नाम के एक लड़के का फोन आया जिसने बताया कि उसकी बेटी पंजीपाड़ा, भारत में है। इस फोन के उपरांत उसने तुरंत भारत जाकर किसी भी कीमत पर अपनी बेटी को वापस लाने की ठान ली। इसी सिलसिले में वह गैरकानूनी तरीके से भारत आई और पंजीपाड़ा जाकर वहां के गांव प्रधान की मदद से अपनी बेटी को दलालों के चंगुल से आजाद कराकर वे दोनो मां- बेटी वापस बांग्लादेश जा रही थी तभी बीएसएफ ने पकड़ लिया। हालांकि आपबीती सुनने के बाद बीएसएफ ने दोनों को बाद में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौप दिया।

बीएसएफ ने दक्षिण बंगाल सीमा से इस साल 29 बांग्लादेशी महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया

बीएसएफ डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि दक्षिण बंगाल सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक मानव तस्करी की 35 घटनाओं को नाकाम करते हुए इस दौरान 29 बांग्लादेशी महिलाओं/युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया गया है। इस दौरान छह भारतीय दलालों को भी गिरफ्तार किया गया। वहीं, ‌99वी वाहिनी, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर रवि कांत ने भी बताया कि भारत- बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ द्वारा लगातार चलाए जा रहे हैं अभियानों से इस प्रकार के अपराधों में लिप्त व्यक्तियों को काफी मुश्किलों का अनुभव हो रहा है और उनमें से कुछ पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाएं हो रही है।

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