विस चुनाव से पहले माकपा छोड़ तृणमूल में वापस लौटे विधायक रफीकुल इस्लाम, उनके साथ बाबू नंद प्रसाद भी आए
बसपा के पूर्व प्रदेश महासचिव बाबू नंद प्रसाद भी तृणमूल में हुए शामिल। शुक्रवार को कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में राज्य के उपभोक्ता मंत्री साधन पांडेय खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक व खेल मंत्री अरूप विश्वास की उपस्थिति में माकपा विधायक व बसपा नेता ने तृणमूल का झंडा थामा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदल व जोड़-तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। अब माकपा के गढ़ माने जाने वाले बसीरहाट उत्तर विधानसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सेंध लगाई है। इस सीट से मौजूदा विधायक रफीकुल इस्लाम माकपा को छोड़कर शुक्रवार को वापस तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ ही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता बाबू नंद प्रसाद ने भी तृणमूल का दामन थाम लिया है।
अपने समर्थकों के साथ तृणमूल कांग्रेस का झंडा थामा
शुक्रवार को कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में राज्य के उपभोक्ता मंत्री साधन पांडेय, खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक व खेल मंत्री अरूप विश्वास की उपस्थिति में माकपा विधायक व बसपा नेता ने अपने समर्थकों के साथ तृणमूल का झंडा थामा।
उम्मीद-वापस आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी
तीनों मंत्रियों ने पार्टी में शामिल होने वाले इन नेताओं को तृणमूल का झंडा देकर दल में स्वागत किया। मंत्री अरूप विश्वास ने कहा कि रफीकुल इस्लाम पहले तृणमूल में ही थे और किन्हीं कारणों से पार्टी से दूर हो गए थे लेकिन अब फिर घर में वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा कि इनके वापस आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही राज्य की एकमात्र उम्मीद
गौरतलब है कि इस्लाम वर्ष 2016 में माकपा में शामिल हो गये थे और विधानसभा चुनाव में बसीरहाट उत्तर सीट से जीत हासिल की थी। वहीं, तृणमूल में वापसी के बाद इस्लाम ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही राज्य की एकमात्र उम्मीद हैं।
सत्ता में वापसी के लिए अपनी ओर से पूरी मेहनत करेंगे
भाजपा के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता जरूरी है। इसीलिए उन्होंने वापस तृणमूल में आने का फैसला किया।उन्होंने कहा कि तृणमूल कि फिर से सत्ता में वापसी के लिए वह अपनी ओर से पूरी मेहनत करेंगे।
माकपा के दो पूर्व विधायकों ने भाजपा का दामन थामा
वहीं, तृणमूल में शामिल होने वाले एक अन्य नेता बाबू नंद प्रसाद पहले बसपा के प्रदेश महासचिव थे। पिछले महीने ही उन्होंने बसपा छोड़ दिया था और अब तृणमूल का दामन थाम लिया। गौरतलब है कि इससे पहले माकपा के दो पूर्व विधायकों ने पिछले दिनों भाजपा का दामन थामा था।