नाना से मिलने के लिए नाबालिग ने लांघी सरहद, बीएसएफ ने मानवीय आधार पर बीजीबी को सौंपा

अपने नाना से मिलने के लिए बांग्लादेश का एक नाबालिक लड़का सरहद लांघ कर भारत पहुंच गया। हालांकि नाना से मिलकर जब 12 वर्षीय यह लड़का अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर वापस बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहा था तो बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया।‌

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:09 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:09 PM (IST)
नाना से मिलने के लिए नाबालिग ने लांघी सरहद, बीएसएफ ने मानवीय आधार पर बीजीबी को सौंपा
अवैध रूप से सीमा पार करते पकड़े गए बांग्लादेशी किशोर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : अपने नाना से मिलने के लिए बांग्लादेश का एक नाबालिक लड़का सरहद लांघ कर भारत पहुंच गया। हालांकि नाना से मिलकर जब 12 वर्षीय यह लड़का अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर वापस बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहा था तो सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सतर्क जवानों ने सीमा पर उसे पकड़ लिया।‌ पूछताछ के बाद हालांकि बीएसएफ ने मानवीय आधार पर बांग्लादेशी लड़के को वापस बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया। यह घटना दक्षिण बंगाल सीमांत अंतर्गत  मुर्शिदाबाद जिले के पिरोजपुर सीमा चौकी, 78वीं वाहिनी के इलाके की है।

बीएसएफ ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि उक्त लड़का गुरुवार सुबह करीब 11 बजे जब अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहा था, तभी जवानों ने पकड़ा। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बांग्लादेश के चपाई नवाबगंज जिले के रहने वाले उक्त किशोर ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह सुबह आठ बजे भारतीय गांव बाजितपुत, जिला- मुर्शिदाबाद में अपने नाना से मिलने आया था, जिनका नाम ईरामूल शेख है। नाना का घर सीमा के पास स्थित गांव में ही है।नाना से मिलकर जब वापस जा रहा था तो बीएसएफ ने उसे पकड़ लिया।

गलत इरादे से नहीं आया था भारत, इसीलिए लौटा दिया

78वीं बटालियन, बीएसएफ के कार्यवाहक कमांडिंग ऑफिसर विश्वबंधु ने बताया कि पूछताछ करने पर यह सामने आया कि यह नाबालिग लड़का किसी तरह के गलत इरादे से बांग्लादेश से भारत नहीं आया है। लड़के ने अपने नाना से मिलने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा को लांघा है। वैसे अंतर्राष्ट्रीय सीमा को लांघना एक अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन लड़के के भविष्य और सीमावर्ती लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए लड़के को सद्भावना के रूप में मानवीय आधार पर बीजीबी को सौंप दिया गया है।

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