माओवादी नेता वेंकटेश्वर रेड्डी उर्फ तेलुगू दीपक देशद्रोह के मामले में 11 साल बाद अलीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट से बरी

एनकाउंटर में मारे गए शीर्ष माओवादी नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी का दाहिना हाथ कहे जाने वाले माओवादी नेता वेंकटेश्वर रेड्डी उर्फ तेलुगू दीपक को अलीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम(यूएपीए) के मामलों से बरी कर दिया।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:57 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:06 PM (IST)
माओवादी नेता वेंकटेश्वर रेड्डी उर्फ तेलुगू दीपक देशद्रोह के मामले में 11 साल बाद अलीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट से बरी
माओवादी नेता वेंकटेश्वर रेड्डी उर्फ तेलुगू दीपक को अलीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बरी किया। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

राज्य ब्यूरो,कोलकाता। एनकाउंटर में मारे गए शीर्ष माओवादी नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी का दाहिना हाथ कहे जाने वाले माओवादी नेता वेंकटेश्वर रेड्डी उर्फ तेलुगू दीपक को अलीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम(यूएपीए) के मामलों से बरी कर दिया। तेलुगु दीपक पर यूएपीए के तहत देशद्रोह समेत कई और आपराधिक मामलों में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसे सीआइडी ने 2010 में गिरफ्तार किया था। नंदीग्राम में माओवादी गतिविधियों, तोड़फोड़, विसफोट और देशद्रोह के आरोप लगे थे। अलीपुर कोर्ट ने शुक्रवार को उसे देशद्रोह के आरोपों से बरी कर दिया।

प्रतिवादी के वकील के मुताबिक तेलुगू दीपक के खिलाफ सीआइडी द्वारा लगाए गए विस्फोट, तोड़फोड़ और देशद्रोह के आरोपों के लिए पर्याप्त सबूत नहीं दे सके। इसके बाद तेलुगू दीपक को निचली अदालत ने करीब 11 साल बाद यूएपीए के मामलों से बरी कर दिया। जब 2010 में जब तेलुगू दीपक को सीआइडी ने एके-47 राइफल के साथ गिरफ्तार किया था तो उस समय तत्कालीन माओवादी नेता किशनजी ने सरकार को धमकी दी और साथ में छोड़ने की मांग भी की थी। दीपक पर विस्फोट, ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स (ईएफआर) के 24 जवानों की हत्या और संकराइल थाने के थानेदार के अपहरण सहित कई साजिश रचने के आरोप है।

तेलुगु दीपक के वकील शुभाशीष राय ने कहा कि लगभग एक दशक की कानूनी लड़ाई के बाद जीत मिली है। एक समय में तेलुगू दीपक नाम आतंक का पर्याय था। 2010 में उसकी गिरफ्तारी सीआइडी के लिए सफलता मानी गई थी। हालांकि तेलुगू दीपक यूएपीए मामले से बरी होने के बावजूद उसे जेल से फिलाहल मुक्ति नहीं मिलेगी, क्योंकि उसके खिलाफ और भी कई आपराधिक मामले लंबित है जिस पर फैसला आना बाकी है।

तेलुगु दीपक ऐसे पहुंचा था बंगाल

तेलुगु दीपक उर्फ वेंकटेश्वर रेड्डी कभी किशनजी के दाहिना था। इस माओवादी नेता ने 1989 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर इंजीनियरिंग कालेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी। 1989 पीपुल्स वार ग्रुप में शामिल हुआ। 1995 कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के साथ वह बंगाल पहुंचा। उसने सोदपुर-पानीहाटी इलाके में डेरा डाला और मजदूर किसान संग्राम समिति नामक एक श्रमिक संगठन तैयार किया।

1999 में वह माओवादियों के पीडब्ल्यूजी की बंगाल राज्य समिति के सदस्य बना। 2000 में वह माओवादियों के स्टेट मिलिट्री कमीशन का सदस्य बन गया। उसी साल उसने किशनजी के निर्देशन में जंगलमहल में माओवादी संगठन का काम शुरू किया। 2007 में वह नंदीग्राम संगठन तैयार कनरे के लिए गया था। उस समय वहां भूमि आंदोलन शुरू हो चुका था।

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