West Bengal: बंगाल में छिपे हैं अलकायदा के कई और आतंकी

West Bengal बंगाल में गिरफ्तार आतंकी अबु सुफियान ने अपने कई और साथियों के नाम बताए हैं। इनमें से एक का नाम अंसारी है। एनआइए के अधिकारियों के अनुसार बंगाल के विभिन्न जिलों में कई लोग अलकायदा के लिए काम कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 08:28 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 08:28 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में छिपे हैं अलकायदा के कई और आतंकी
बंगाल से पकड़े गए अलकायदा के आतंकी की सांकेतिक फोटो।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल से पकड़े गए अलकायदा के आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले राज उजागर हुए हैं। पूछताछ में सामने आया है कि राज्य में कई आतंकी अब भी छिपे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आतंकी अबु सुफियान ने अपने कई और साथियों के नाम बताए हैं। इनमें से एक का नाम अंसारी है। एनआइए के अधिकारियों के अनुसार बंगाल के विभिन्न जिलों में कई लोग अलकायदा के लिए काम कर रहे हैं। मुर्शिदाबाद, मालदह, उत्तर दिनाजपुर, उत्तर 24 पगगना व बीरभूम जिले में अलकायदा आतंकियों का जाल फैला हुआ है। गिरफ्तार छह आतंकियों से पूछताछ के दौरान दो और आतंकियों के बारे में जानकारी मिली है। उक्त दोनों आतंकी मालदह जिले के रहने वाले हैं।

मालदा के दोनों आतंकी गत गुरुवार की शाम मुर्शिदाबाद में हुई बैठक में शामिल हुए थे। इसके बाद शुक्रवार की सुबह दोनों वहां से निकल गए थे। एनआइए को संदेह है कि आतंकी सीमा पार कर बांग्लादेश भाग सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, अबु सुफियान के मोबाइल में मिले 'गजबवा ए तुल हिंद' नामक वाट्सएप में अंसारी भी शामिल था। वह अलकायदा के इस मॉड्यूल के शीर्ष नेताओं में से एक है। उधर, कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारी एनआइए कार्यालय पहुंचे और एक-दूसरे से जानकारी साझा की।

डार्क वेब के जरिये जुड़े थे आतंकी

एनआइए सूत्रों के अनुसार आतंकी डार्क वेब के जरिये जुड़े थे। इसी के जरिये वह एक-दूसरे को जानकारी साझा करते थे। वह वीडियो कॉलिंग से लेकर ऑनलाइन फंड ट्रांसफर भी इसी के जरिये करते थे। जांच अधिकारियों के अनुसार अभियुक्तों के मोबाइल पर कई वेबसाइटों को फिंगर प्रिंट के जरिये सुरक्षित किया गया है, लेकिन अचंभित करने वाली बात यह है कि ये अभियुक्तों के फिंगर प्रिंट के जरिये भी नहीं खुल रहीं हैं। जांच अधिकारियों को आशंका है कि इनको किसी और के फिंगर प्रिंट से सुरक्षित किया गया है।

लैपटॉप व मोबाइल हैं ओनियन राउटिंग मोड पर

सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने अपने मोबाइल व लैपटॉप को ओनियन राउटिंग मोड पर रखा है। ऐसे में जब ये लोग ऑनलाइन बातचीत अथवा जानकारियों का आदान-प्रदान करते हैं तो उनका यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) एवं आइपी (इंटरनेट प्रोटोकाल) एड्रेस प्रति सेकेंड बदलता रहता है।

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