बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ 16 नवंबर को बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी ममता सरकार

विरोध-विधानसभा में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में हुआ फैसला। हाल में केंद्र ने बंगाल पंजाब और असम में बढ़ाया है बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र। ममता ने इसे राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और संघीय ढांचे पर हमला बताया था।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 03:57 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 10:37 PM (IST)
बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ 16 नवंबर को बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी ममता सरकार
अधिनि‍यम में संशोधन-अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अधिकार क्षेत्र 15 किमी से 50 किलोमीटर किया गया है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्र सरकार द्वारा हाल में राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के फैसले के खिलाफ बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार राज्य विधानसभा में अगले सप्ताह यानी 16 नवंबर को प्रस्ताव लाने जा रही है। तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए घोष ने कहा कि यह फैसला विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (कार्य मंत्रणा समिति) की बैठक में लिया गया। उन्होंने बताया कि केंद्र के इस फैसले पर 16 नवंबर को विधानसभा में चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ है पंजाब की कांग्रेस सरकार

बता दें कि पंजाब के बाद बंगाल दूसरा राज्य होगा जो बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने जा रहा है। इससे पहले पंजाब की कांग्रेस सरकार ने एक दिन पहले ही गुरुवार को अपने विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।

राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और संघीय ढांचे पर हमला बताया था

इधर, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का विरोध कर रही तृणमूल कांग्रेस विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर फैसले को वापस लेने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना चाहती है। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले की निंदा की थी और इसे राज्य के अधिकारों का ‘अतिक्रमण’ और देश के संघीय ढांचे पर हमला बताया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष भी मुद्दा उठाया गया था

ममता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर भी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर चुकी हैं।वहीं, तृणमूल कांग्रेस संसद के आगामी सत्र में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया था।

अधिनि‍यम में संशोधन-अधिकार क्षेत्र 15 किमी से 50 किलोमीटर किया

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन कर बंगाल, पंजाब और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उसका अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। 11 अक्टूबर को इसकी अधिसूचना जारी की गई थी।

बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति मिली

नए नियम के तहत अब बीएसएफ को संबंधित सीमावर्ती राज्यों में बिना राज्य सरकार की अनुमति के अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति मिल गई है।

बंगाल की बांग्लादेश के साथ लगती है 2,216 किलोमीटर लंबी सीमा

बता दें कि भारत की बांग्लादेश के साथ कुल 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। इनमें सबसे ज्यादा 2,216 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बंगाल के साथ ही लगती है, जिसकी सुरक्षा का दायित्व बीएसएफ पर है।

chat bot
आपका साथी