मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यसभा से निलंबित सदस्यों से की बात, उनकी कोशिशों की प्रशंसा की
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यसभा से निलंबित सदस्यों से की बात उनकी कोशिशों की प्रशंसा की राज्यसभा सदस्यों को निलंबित किए जाने की कार्यवाही को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कृषि बिल को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए यह भी कहा कि यह दिन ब्लैक संडे के नाम से याद किया जाएगा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्यसभा के उन सदस्यों से फोन पर बात की जिन्हें कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करने की वजह से निलंबित किया गया है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सांसदों से करीब 10 मिनट तक बात की और कृषि विधेयकों के खिलाफ उनकी लड़ाई और संसद के मूल्यों को कायम रखने की उनकी कोशिशों की प्रशंसा की।
ममता ने इससे पहले सुबह में एक ऑडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने राज्यसभा सदस्यों को निलंबित किए जाने की कार्यवाही को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह सरकार की निरंकुश मानसिकता को दर्शाती है।उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह खुद को ताकतवर बनाने के लिए राज्यों को शक्तिविहीन बनाने की सभी कोशिशें कर रही है।
ममता ने यह भी ऐलान किया कि हम झुकेंगे नहीं और इसके खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक दोनों जगह इस फासीवादी सरकार से लड़ेंगे। इस बीच ममता ने शाम में कृषि विधेयकों को लेकर संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया था जिसमें उन्होंने इस बिल को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि इससे देश में सूखे जैसे हालात पैदा हो जाएंगे।
उन्होंने रविवार को राज्यसभा में पास किए गए कृषि बिल को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए यह भी कहा कि यह दिन ब्लैक संडे (काला रविवार) के नाम से याद किया जाएगा। उन्होंने सभी विपक्षी दलों से एक साथ मिलकर इन विधेयकों के खिलाफ लड़ने का भी आह्वान किया।
उल्लेखनीय है कि कृषि से जुड़े दो विधेयकों के पारित होने के दौरान संसद के उच्च सदन में अभूतपूर्व रूप से अनियंत्रित दृश्य देखने को मिला जिसके एक दिन बाद सोमवार को आठ सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। इसमें तृणमूल कांग्रेस के भी दो सदस्य शामिल हैं।