मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ममता का कड़ा संदेश, हिंसा फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह दौरान राज्यपाल व ममता में फिर दिखीं तल्ख़ियां राज्यपाल ने बधाई संबोधन में ही ममता को हिंसा के मुद्दे पर दे डाली नसीहत ममता का जवाब- पिछले तीन महीने से चुनाव आयोग के हाथ में था शासन

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 12:21 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 06:02 PM (IST)
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ममता का कड़ा संदेश, हिंसा फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच तल्ख़ियां साफ देखी गईं।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही लगातार जारी हिंसा को लेकर चारों तरफ से उठ रही आवाजों के बीच बुधवार को लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की कमान संभालते ही ममता बनर्जी ने कड़ा संदेश दिया। राजभवन में सुबह 10:45 बजे शपथ लेने के तुरंत बाद ममता ने अपने पहले संबोधन में ही सभी से शांति की अपील करते हुए कहा कि हिंसा फैलाने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा। ममता ने साफ कहा कि हिंसा की घटना को वह बर्दाश्त नहीं करेंगी।

इधर, राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ममता और राज्यपाल के बीच तल्ख़ियां साफ देखी गईं। ममता के शपथ लेने के तुरंत बाद उस समय अभूतपूर्व स्थिति देखी गई जब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने बधाई संबोधन में ही ममता को हिंसा के मुद्दे पर नसीहत दे डाली। राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र के लिए हिंसा ठीक नहीं है। राज्य में कानून का राज होना चाहिए और राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता हिंसा को रोकना हो। मैं उम्मीद करता हूं कि ममता बनर्जी संविधान के अनुसार चलेंगी।

इसके बाद ममता ने भी राज्यपाल को जवाब देते हुए कहा कि राज्य में पिछले तीन महीने से कानून-व्यवस्था सहित शासन की बागडोर चुनाव आयोग के हाथ में था। इस अवधि में आयोग ने डीजीपी से लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस अधिकारियों को बड़े पैमाने पर बदल दिया था। अब मैं अभी-अभी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हूं और नए सिरे से व्यक्तिगत रूप से कानून और व्यवस्था के मुद्दों को देखूंगी और सुनिश्चित करूंगी कि राज्य में शांति कायम हो। ममता ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 से मुकाबला है। इसके बाद कानून व्यवस्था को ठीक करना व शांति बहाली उनकी प्राथमिकता है।

ममता ने कहा- 'मैं सभी राजनीतिक दलों से शांति सुनिश्चित करने की अपील करती हूं। बंगाल को हिंसा पसंद नहीं है। अगर किसी भी दल के व्यक्ति ने हिंसा की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं शांति के पक्ष में हूं और रहूंगी।' ममता ने इस दौरान यह भी कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जिन अधिकारियों को हटाया गया था उनकी उस पद पर फिर से तैनाती की जाएगी। 

राज्यपाल व ममता के बीच पुरानी है तकरार 

बताते चलें कि साल 2019 में राज्यपाल का पद संभालने के बाद से ही धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच टकराव जारी है।विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच लगातार टकराव देखा गया है।

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