West Bengal: ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
West Bengal ममता के भतीजे अभिषेक ने विधानसभा चुनाव में तृणमूल के 250 से अधिक सीटें जीतने का दावा करते हुए कहा-भाजपा बंगाल को सोनार बांग्ला बनाने की बात कह रही है। सोनार बांग्ला तो बांग्लादेश का नारा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: मतुआ समुदाय के लोग अगर अवैध हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अवैध हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में आयोजित सभा में यह बात कही। उन्होंने सभा में उपस्थित मतुआ समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा-'केंद्रीय गृहमंत्री कोरोना के टीकाकरण के बाद सीएए लागू करने की बात कह रहे हैं। इस देश के 130 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाने में नौ साल लग जाएंगे। दरअसल, वे आपको झांसा दे रहे हैं। आप पहले से ही इस देश के नागरिक हैं। आपके पास मतदाता परिचय पत्र है, आधार कार्ड है, राशन कार्ड है। आप वोट देते हैं, फिर आपको नागरिकता देने की बात क्यों हो रही? अमित शाह घुसपैठियों को देश से निकालने की बात कर रहे हैं। अगर उनमें हिम्मत है तो अरुणाचल प्रदेश से चीनी लोगों को निकाल कर दिखाएं। अभिषेक ने कहा-'दो दिन पहले हेलीपैड पर पानी डालकर मुझे ठाकुरनगर आने से रोकने की साजिश रची गई। मैं दिल्ली में नहीं रहता, कोलकाता में ही रहता हूं। कार से भी आ जाऊंगा। मैं बंगाल का भूमिपुत्र हूं, कोई बाहरी नहीं हूं।
पहले सोनार भारत बनाकर दिखाए भाजपा
अभिषेक ने विधानसभा चुनाव में तृणमूल के 250 से अधिक सीटें जीतने का दावा करते हुए कहा-'भाजपा बंगाल को सोनार बांग्ला बनाने की बात कह रही है। सोनार बांग्ला तो बांग्लादेश का नारा है। भाजपा अगर बंगाल को सोनार बांग्ला बनाना चाहती है तो अब तक सोनार उत्तर प्रदेश, सोनार मध्य प्रदेश, सोनार राजस्थान, सोनार त्रिपुरा, सोनार असम और सोनार भारत क्यों नहीं बनाया? कोयला तस्करी कांड में अपनी पत्नी रुजिरा बनर्जी से सीबीआइ पूछताछ पर परोक्ष तौर पर अभिषेक ने कहा-'सीबीआइ, ईडी या फिर जिसे लगा लो, गला काटने पर भी मेरे मुंह से जय बांग्ला ही निकलेगा।
पहली बार किसी जीवित प्रधानमंत्री पर रखा गया स्टेडियम का नाम
अभिषेक ने अहमदाबाद के मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम का नाम पीएम नरेंद्र मोदी पर रखने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा-'पहली बार किसी जीवित प्रधानमंत्री के नाम पर किसी स्टेडियम का नाम रखा गया है और पिछड़ी जनजाति से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रपति के हाथों उसका उद्घाटन कराया गया। भाजपा अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़े वर्गों का सम्मान नहीं करती। अयोध्या में राममंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया था और भूमि पूजन करने वाले 200 पुजारियों में एक भी अनुसूचित जाति अथवा जनजाति से नहीं था।