Nandigram Election Result Hearing: ममता की याचिका पर अब 24 जून को सुनवाई करेगा कलकत्ता हाई कोर्ट

Nandigram Election Result Hearing याचिका में ममता ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए नंदीग्राम में पुनर्मतगणना की मांग की। कलकत्ता हाईकोर्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदीग्राम के नतीजे को चुनौती देने के मामले में सुनवाई 24 जून के लिए स्थगित हुई।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:33 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 07:36 PM (IST)
Nandigram Election Result Hearing: ममता की याचिका पर अब 24 जून को सुनवाई करेगा कलकत्ता हाई कोर्ट
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के हाथों अपनी हार को पचा नहीं पा रही हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नंदीग्राम विधानसभा सीट से जीत को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर अब 24 जून को सुनवाई करेगा। इससे पूर्व शुक्रवार को अदालत ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी। नंदीग्राम से सुवेंदु के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने संबंधी याचिका पर न्यायाधीश कौशिक चंद की एकल पीठ ने सुनवाई की। न्यायाधीश ने कहा कि सुश्री बनर्जी को सुनवाई के पहले दिन पेश होना होगा, क्योंकि यह एक चुनाव याचिका है।

इस पर ममता के अधिवक्ता ने कहा कि वह(सीएम) कानून का पालन करेंगी। इसके बाद मामले की सुनवाई को 24 जून तक स्थगित करते हुए न्यायाधीश चंद ने निर्देश दिया, ‘इस बीच हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार इस अदालत के सामने एक रिपोर्ट पेश करेंगे कि क्या यह याचिका जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के अनुरुप दाखिल की गई है।’

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने अपनी याचिका में भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी पर जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 123 के तहत चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट तरीका अपनाने का आरोप लगाया है। याचिका में यह भी दावा किया है कि मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां थीं। निर्वाचन आयोग ने पिछले माह कांटे के मुकाबले के बाद अधिकारी को नंदीग्राम सीट पर विजयी घोषित किया था। दूसरी ओर न्यायाधीश चंद की पीठ में इस मामले की सुनवाई पर तृणमूल ने आपत्ति जताई है। सुनवाई से पहले ही चंद के नाम पर तृणमूल से संबंधित अधिवक्ताओं ने एतराज जताया। न्यायाधीश चंद को भाजपा का पैरोकार बताते हुए ममता के वकील ने कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश को इस मामले को किसी दूसरी बेंच में भेजने को पत्र लिखा है।

तृणमूल का आरोप है कि जज चंद भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं ऐसे में उनकी पीठ में इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती। तृणमूल ने भाजपा नेताओं के साथ न्यायमूर्ति चंद की तस्वीर को भी इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करते हुए उनके नाम पर आपत्ति जताई है। जिसके बाद अब नया विवाद शुरू हो गया है।

----------------------

तृणमूल ने जज पर उठाए सवाल

तृणमूल के राज्यसभा सदस्य व राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सुनवाई से पहले दो तस्वीरें ट्वीट की और लिखा कि यह व्यक्ति कौन है जो दोनों तस्वीरों में गोल घेरे में है? क्या वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के जज कौशिक चंद हैं? क्या उन्हें नंदीग्राम चुनाव मामले की सुनवाई के लिए नियुक्त किया गया है? क्या न्यायपालिका और नीचे गिर सकती है? उन्होंने तस्वीर में दूसरे शख्स का हवाला देते हुए कहा कि वह बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष हैं और उनके साथ जस्टिस कौशिक चंद मंच साझा कर रहे हैं, ऐसे में क्या आप न्याय की उम्मीद कर सकते हैं? ब्रायन ने आगे कहा- आप इन तस्वीरों को देखकर और जस्टिस कौशिक चंद के रुझान को समझ सकते हैं कि क्या वो अपने फैसले में निष्पक्ष रहेंगे।

नंदीग्राम में तो खुला खेल के जरिए ममता बनर्जी को हरा दिया गया। आखिर कौन यकीन करेगा कि जो शख्स 9 से 10 राउंड में आगे चल रही हो तो एकाएक पिछड़ती जाएगी। इसके साथ ही जिस तरह से रिटर्निंग ऑफिसर पर दबाव बनाकर बार- बार मतगणना प्रक्रिया को बाधित की गई उससे साफ हो गया कि केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर ममता बनर्जी को हराना चाहती थी।

---------------------------------

तृणमूल की आपत्ति खतरनाक

इस पूरे मामले पर हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व माकपा के राज्य सभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ऐसी बातें कहने वाले न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। छात्र जीवन में कई लोग राजनीति करते हैं, लेकिन जज बनने के बाद शपथ लेने के बाद स्थिति वह नहीं रहती है। मुझे नहीं पता कि कौशिक चंद ने जज बनने के बाद किसी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा लिया है या नहीं? मुख्यमंत्री आज जो कर रही हैं। वह घातक है। एक संवैधानिक व्यवस्था की मुखिया दूसरी संवैधानिक संस्था के प्रति अविश्वास व्यक्त कर रही हैं, जिसके परिणाम भयंकर हो सकते हैं।

chat bot
आपका साथी