ममता सरकार ने अपना डीआरआइ गठित कर केंद्र को दी चुनौती

राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि डीआरआइ एंड ई टैक्स चोरी के मामलों की जांच करेगा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 10:22 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 10:22 AM (IST)
ममता सरकार ने अपना डीआरआइ गठित कर केंद्र को दी चुनौती
ममता सरकार ने अपना डीआरआइ गठित कर केंद्र को दी चुनौती

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य का अपना डायरेक्टोरेट ऑफ रिवेन्यू इंटेलीजेंस एंड इंफोर्समेंट (डीआरआइ एंड ई) गठित कर केंद्र को चुनौती दी है। केंद्र का पहले से अपना डीआरआइ और इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) है। बंगाल के डीआरआइ एंड ई को काफी अधिकार दिए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि डीआरआइ एंड ई टैक्स चोरी के मामलों की जांच करेगा।

यह देश में इस तरह का पहला संस्थान है। राजस्व में कमी और टैक्स चोरी से मुकाबले के लिए राज्य सरकार लंबे समय से इनडायरेक्ट टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही थी। सरकार इंफोर्समेंट पर भी ध्यान देना चाहती है। इसी वजह से वित्त विभाग के तहत डीआरआइ एंड ई गठित किया गया है। डीआरआइ एंड ई के पास अपनी जानकारी पर और अन्य रिवेन्यू डायरेक्टोरेट या राज्य सरकार की ओर से भेजे गए मामलों की जांच करने का अधिकार होगा। यह जरूरत पड़ने पर कार्रवाई के लिए संबंधित राजस्व प्राधिकरणों को अपनी जांच रिपोर्ट भेज सकता है।

डीआरआइ एंड ई टैक्स चोरी से जुड़े मामलों में गड़बड़ी के आरोपों पर रिवेन्यू डायरेक्टोरेट के सरकारी कर्मचारियों की भी जांच कर सकेगा। डायरेक्टोरेट की अगुआई डायरेक्टर ऑफ रिवेन्यू इंटेलीजेंस एंड इंफोर्समेंट करेंगे, जो आइएएस कैडर के अधिकारी होते हैं।

पूछताछ और जांच करने के लिए इसका अधिकार क्षेत्र पूरा बंगाल होगा। यह वेस्ट बंगाल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट, 2017, वेस्ट बंगाल वैल्यू एडेड टैक्स एक्ट, 2003, वेस्ट बंगाल सेल्स टैक्स एक्ट, 1994, वेस्ट बंगाल स्टेट टैक्स ऑन प्रोफेशंस, ट्रेड्स, कॉलिंग्स एंड इम्प्लॉयमेंट्स एक्ट, 1979 और छह अन्य कानूनों के तहत मामले दर्ज कर सकेगा। डायरेक्टोरेट के पास एडमिनिस्ट्रेटिव विंग, इंवेस्टिगेशन विंग, प्रॉसिक्यूशन विंग, साइबर फॉरेंसिक लैबोरेटरी और विजिलेंस विंग जैसे कम से कम सात विंग होंगे।

राज्य सरकार के अधिकारियों का दावा है कि नया डायरेक्टोरेट रिवेन्यू में कमी को रोकेगा। हालांकि, केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि बंगाल में केंद्र की तरह का एक डायरेक्टोरेट होने से लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनेगी और राज्य और केंद्र के बीच बड़े विवाद खड़े होंगे। ममता ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तर्ज पर पश्चिम बंगाल में राज्य सुरक्षा सलाहकार जैसे पद भी सृजित किए हैं। 

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