सुवेंदु के करीबी को गिरफ्तार करने पर ममता सरकार ने मांगी माफी, हाईकोर्ट के निर्देश पर तुरंत रिहा किए गए राखाल बेरा

व्यवसायी राखाल बेरा को जमानत मिलने के बाद तुरंत गिरफ्तार करने के मामले में ममता सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में माफी मांगी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बुधवार को ही राखाल बेरा को रिहा करने का आदेश देते हुए हलफनामा तलब किया

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:50 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:50 PM (IST)
सुवेंदु के करीबी को गिरफ्तार करने पर ममता सरकार ने मांगी माफी, हाईकोर्ट के निर्देश पर तुरंत रिहा किए गए राखाल बेरा
हाईकोर्ट के निर्देश पर तुरंत रिहा किए गए राखाल बेरा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : भाजपा विधायक व नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी के करीबी रहे व्यवसायी राखाल बेरा को जमानत मिलने के बाद तुरंत गिरफ्तार करने के मामले में ममता सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में माफी मांगी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बुधवार को ही राखाल बेरा को रिहा करने का आदेश देते हुए हलफनामा तलब किया, जिसके बाद शाम को बेरा को रिहा कर दिया गया।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति शुभाशीष दासगुप्ता की पीठ ने राज्य को इस मामले में एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। तब तक राखाल बेरा को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। राज्य के वकील पी चिदंबरम ने अदालत को बताया कि बेरा को किसी राजनीतिक मकसद से गिरफ्तार नहीं किया गया था, बल्कि संयोग से पूर्व मेदिनीपुर के नंद कुमार थाना ने उन्हें गलतफहमी के चलते गिरफ्तार कर लिया था।

यह स्थानीय पुलिस का फैसला था, लेकिन गलत था। इसके लिए हमें खेद है। हालांकि उन्होंने सवाल किया कि अगर राखाल को लेकर कानून-व्यवस्था की समस्या हो तो पुलिस क्या करेगी? तो क्या हम गिरफ्तारी के लिए हाईकोर्ट की अनुमति का इंतजार करेंगे? कोर्ट ऐसा एकतरफा आदेश नहीं दे सकता।

बता दें कि पिछले सोमवार को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राखाल बेरा को रिहा करने और बिना कोर्ट के आदेश के उसे गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था, लेकिन फिर भी सोमवार को जमानत देने के बाद उसको फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय की पीठ ने इसके लिए राज्य को कड़ी फटकार लगाई। इस मामले में राज्य के महाधिवक्ता ने तर्क दिया कि निचली अदालत के आदेश पर बेरा को फिर से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि पी चिदंबरम ने इस बारे में कुछ नहीं जानने का दावा किया।

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