ममता मंत्रिमंडल में सात अल्पसंख्यकों और आठ महिलाओं को जगह, सभी वर्गों से लेकर सभी क्षेत्रों को साधने की कोशिश

बंगाल में लगातार तीसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई ममता बनर्जी ने इस बार अपनी नई मंत्रिमंडल‌ कई तरह के समीकरण को तवज्जो देते हुए तैयार की हैं। 43 सदस्यीय नए मंत्रिमंडल में ममता ने हर वर्ग से लेकर हर क्षेत्र को साधने की कोशिश की है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 05:42 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 05:42 PM (IST)
ममता मंत्रिमंडल में सात अल्पसंख्यकों और आठ महिलाओं को जगह, सभी वर्गों से लेकर सभी क्षेत्रों को साधने की कोशिश
ममता बनर्जी \मंत्रिमंडल में सात अल्पसंख्यकों और आठ महिलाओं को जगह

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में लगातार तीसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई ममता बनर्जी ने इस बार अपनी नई मंत्रिमंडल‌ कई तरह के समीकरण को तवज्जो देते हुए तैयार की हैं। 43 सदस्यीय नए मंत्रिमंडल में ममता ने हर वर्ग से लेकर हर क्षेत्र को साधने की कोशिश की है। मंत्रिमंडल में राज्य के लगभग सभी जिलों से प्रतिनिधित्व दिया गया है। वहीं, महिलाओं को भी विशेष तरजीह दी गई है और पिछली तीन सरकारों में इस बार सबसे ज्यादा आठ महिलाओं को मंत्री बनाया गया है, जिनमें तीन अनुसूचित जाति से आती हैं। वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय से लेकर आदिवासी, अनुसूचित जाति (एससी), ओबीसी सभी को साधने की कोशिश की गई है।नए व पुराने को मिलाकर ममता ने अल्पसंख्यक समुदाय से इस बार सात सदस्यों को मौका दिया है।

दरअसल, ममता की लगातार तीसरी बार जीत में अल्पसंख्यक व महिला वोटों का अहम रोल रहा है। इन दोनों का एकतरफा वोट तृणमूल कांग्रेस के पाले में गया है। ऐसे में ममता ने मंत्रिमंडल में भी अल्पसंख्यक और महिलाओं को खास तरजीह दी है। वहीं, सत्ता चलाने के लिए ममता ने अपने पुराने अनुभवी साथियों से लेकर नए और युवा सभी को मंत्रिमंडल में जगह दी है। मंत्रिमंडल में 25 पुराने तो 18 नए चेहरे हैं। कुछ प्रसिद्ध चेहरों को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है जिसमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी, पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर एवं संथाली अभिनेत्री बीरबाहा हांसदा इसमें प्रमुख नाम है। ये तीनों चुनाव से ठीक पहले पार्टी से जुड़े थे।

मनोज तिवारी को मंत्री बनाकर ममता ने खेल जगत से लेकर हिंदी भाषियों को भी साधने की कोशिश की है। ममता के मंत्रिमंडल में इस बार एकमात्र मनोज तिवारी ही हिंदी भाषी चेहरे हैं। खेल जगत से पिछली बार ममता ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला को शामिल किया था। इस बार तिवारी ने यह बाजी मारी है, जिन्हें खेल व युवा कल्याण विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया है।

वहीं, पुराने व अनुभवी नेताओं की बात करें तो कैबिनेट में सुब्रत मुखर्जी, पार्थ चटर्जी, अमित मित्रा, साधन पांडे, ज्योतिप्रिय मलिक, मलय घटक, अरूप विश्वास, फिरहाद हकीम, शोभनदेव चट्टोपाध्याय, जावेद अहमद खान आदि को कैबिनेट में बरकरार रखा गया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो उत्तर बंगाल से लेकर दक्षिण बंगाल व जंगलमहल सभी क्षेत्रों से कैबिनेट में प्रतिनिधित्व है।

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