बंगाल में उपचुनावों की घोषणा करे निर्वाचन आयोग, मैं प्रधानमंत्री मोदी से भी करूंगी अनुरोध: ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहना है कि इस समय राज्य में कोरोना महामारी की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है इसलिए निर्वाचन आयोग चाहे तो राज्य में उपचुनाव संपन्न हो सकता है। आयोग चाहे तो अभी मतदान हो सकता है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:40 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:40 PM (IST)
बंगाल में उपचुनावों की घोषणा करे निर्वाचन आयोग, मैं प्रधानमंत्री मोदी से भी करूंगी अनुरोध: ममता
मैं प्रधानमंत्री मोदी से भी करूंगी अनुरोध: ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहना है कि इस समय राज्य में कोरोना महामारी की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है, इसलिए निर्वाचन आयोग चाहे तो राज्य में उपचुनाव संपन्न हो सकता है। ममता ने बुधवार को राज्य सचिवालय नवान्न में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि स्थिति अब बहुत बेहतर है। आयोग चाहे तो अभी मतदान हो सकता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुझे पता है कि प्रधानमंत्री के ऐसा कहते ही आयोग उपचुनाव की घोषणा कर देगा। इसलिए मैं प्रधानमंत्री से सक्रिय होने का आग्रह करूंगी। नियम के मुताबिक ममता को सरकार बनाने के छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव जीतना है।

भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले शोभनदेव चट्टोपाध्याय पहले ही विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं। शोभनदेव स्वयं भी कृषि मंत्री हैं। नतीजतन उन्हें भी चुनाव जीतना होगा। तृणमूल सूत्रों के मुताबिक,वह खारदा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकते हैं। इस सीट से जीतने वाले काजल सिंह की परिणाम घोषित होने से पहले ही कोरोना की वजह से मौत हो गई थी। इस सीट पर भी उपचुनाव होना है। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा भी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं थे। उन्हें भी छह महीने में चुनाव जीतना है।

राज्य की दो सीटों पर विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों की कोरोना से मौत हो जाने की वजह से मतदान नहीं हो सका था। वे दोनों सीटें मुर्शिदाबाद जिले की समशेरगंज और जंगीपुर है। ममता ने बुधवार को कहा कि मैं उक्त दोनों ही सीटों पर तत्काल चुनाव चाहती हूं। क्योंकि, अब कोरोना नियंत्रण में है।

भाजपा के निशिथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने पार्टी के सांसद बने रहने के फैसले के बाद दिनहाटा और शांतिपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में इन दोनों सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। कुल मिलाकर दो विधानसभा क्षेत्रों में आम चुनाव और चार निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव होना है। यह तय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ेगी। उन्होंने पांच मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संवैधानिक रूप से उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना होगा। तृणमूल को कोई संदेह नहीं है कि ममता भवानीपुर से चुनाव जीतेंगी। इसमें कोई शंका नहीं है। लेकिन उपचुनाव के दिन की घोषणा केंद्रीय चुनाव आयोग करेगा। तृणमूल नेताओं के एक वर्ग की चिंता है कि कोरोना के मद्देनजर आयोग ने उपचुनावों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। वहीं पांच नवंबर तक मुख्यमंत्री को विधायक निर्वाचित होना होगा।

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अलापन को लेकर ममता ने केंद्र पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार व राज्य के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार की ओर से कार्रवाई के लिए एक नया नोटिस जारी होने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र सरकार पर मंगलवार को ही निशाना साधा था। इसके एक दिन बाद बुधवार को ममता ने कहा कि अलापन एक ईमानदार अधिकारी हैं। जीवन भर जिम्मेदारी के साथ काम किया है। उनकी सरकार अलापन का पूरा सहयोग करेगी।

उन्होंने जीवन भर देश के लिए काम किया है। यह गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है। हम लड़ेंगे। केंद्र जानबूझकर ऐसा कर रहा है। किसी कानून का पालन नहीं कर रहे हैं। अगर कोई सोचता है कि मैं जबरन कुछ कर लेंगे तो कानून बलपूर्वक काम नहीं करता है। यह बात समझ में आनी चाहिए। देश बीजेपी का नहीं है। राजीव गांधी के पास 400 सीटों का बहुमत था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। नियम जोर से नहीं चलता हैं। देश में एक संविधान है किसी की इच्छा से कुछ नहीं होता। अपना हाथ उठाया और ध्वनि मत पारित किया, ऐसा नहीं है। उनका मैं मदद करूंगी। सभी आइएएस, आइपीएस अधिकारी उनके साथ हैं।

सब मिलकर लड़ रहे हैं। भाजपा देश की सबसे बड़ी बीमारी है। वे लोगों के फैसले को स्वीकार नहीं कर सकते। आम लोगों की मांगों को स्वीकार नहीं कर सकते। दूसरी लहर में कई मौतें हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। वहां से लाशें बंगाल आ रही है।

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