चुनाव बाद हिंसा के मामले में ममता के चुनाव एजेंट रहे शेख सुफियान से सीबीआइ ने चार घंटे से अधिक समय तक की पूछताछ
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शेख सुफियान जो अप्रैल में पूर्व मेदिनीपुर में नंदीग्राम विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट थे से गुरुवार को चुनाव बाद हिंसा के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारियों ने चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शेख सुफियान, जो अप्रैल में पूर्व मेदिनीपुर में नंदीग्राम विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट थे, से गुरुवार को चुनाव बाद हिंसा के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारियों ने चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। सुफियान को जिले के हल्दिया शहर में केंद्र सरकार के एक गेस्ट हाउस में बुलाया गया था, जहां सीबीआइ की एक टीम डेरा डाले हुई है।
बंगाल चुनाव परिणाम घोषित होने के एक दिन बाद तीन मई को कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा कार्यकर्ता देवव्रत मैती पर हमला किया गया था। 13 मई को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में उनका निधन हो गया। सीबीआइ ने 31 अगस्त को इस संबंध में एक मामला दर्ज किया। सीबीआइ ने तीन सितंबर को देवव्रत मैती के परिवार का नंदीग्राम में बयान दर्ज किया था।
सुफियान ने बताया कि उन्हें बेवजह परेशान किया जाता था। वे किसी भी हिंसा में शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह ममता बनर्जी के सिपाही हैं। आसानी से डरने वाले नहीं हैं। बताते चलें कि विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में मुख्यमंत्री को लगभग 1,500 मतों से हराया था, जिस सीट पर उन्होंने 2016 में जीत हासिल की थी। गौरतलब है कि सीबीआइ ने 19 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच के आदेश के बाद टीएमसी के कई जिला नेताओं से पूछताछ की है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले नेता को तलब किया गया है।