ममता का धनखड़ को स्पष्ट संदेश, सीएम को बताए बिना राजभवन राज्य प्रशासन के किसी भी अधिकारी को नहीं कर सकता तलब

बंगाल में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच टकराव खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बार मुख्य सचिव को तलब करने को लेकर एक बार फिर राज्यपाल जगदीप धनखड़ तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने सामने हैं।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 08:26 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 08:26 PM (IST)
ममता का धनखड़ को स्पष्ट संदेश, सीएम को बताए बिना राजभवन राज्य प्रशासन के किसी भी अधिकारी को नहीं कर सकता तलब
बंगाल में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच टकराव खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच टकराव खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बार मुख्य सचिव को तलब करने को लेकर एक बार फिर राज्यपाल जगदीप धनखड़ तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने सामने हैं। हालांकि इस बार मुख्यमंत्री तथा तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी का रवैया काफी तल्ख है और उन्होंने शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में यह स्पष्ट संदेश दिया है कि मुख्य मुख्यमंत्री को बताए बिना राजभवन राज्य प्रशासन के किसी भी अधिकारी को तलब नहीं कर सकता है।

दरअसल राज्यपाल ने मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को कोरोना से संबंधित जानकारियों के लिए तलब किया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उन्होंने शीघ्र ही समन का पालन नहीं किया तो इसके लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जवाब में मुख्यमंत्री ने खुद राज्यपाल को एक पत्र लिखकर कहा कि राज्य प्रशासन के अधिकारियों को इस तरह से तलब करना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। वह चाहें तो मुख्यमंत्री से कुछ भी पूछ सकते हैं।

मुख्यमंत्री किसी भी अधिकारी को निर्णय के साथ राज्यपाल के पास भेज सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि राज्यपाल के सम्मान की रक्षा के लिए राज्य प्रशासन के अधिकारी महीने में एक बार उनसे मिलने जा सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि राज्यपाल के समन के आलोक में ऐसा नहीं होगा।

राज्यपाल को प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाने का अधिकार : संविधान विशेषज्ञ

संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का कहना है कि संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्यपाल के पास असीम शक्ति होती है तथा वह कभी भी किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को तलब कर ही सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रशासनिक प्रमुख को सूचित करने की जरूरत नहीं है।

अनेक मुद्दों पर राज्यपाल -मुख्यमंत्री के बीच हुआ है टकराव

गौरतलब है कि इससे पहले राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की चेतावनी, राज्य सरकार का लिखा बजट अभिभाषण नहीं पढ़ने, ममता बनर्जी द्वारा जैन हवाला कांड में राज्यपाल को आरोपित ठहराने, राज्यपाल पर राजभवन में सगे संबंधियों को नौकरी देने का आरोप जैसे मुद्दों पर जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच टकराव देखने को मिला था। इसके अलावा कई मुद्दों पर राज्यपाल अनेक बार मुख्य सचिव, गृह सचिव व पुलिस महानिदेशक को तलब कर चुके हैं तथा निर्धारित अवधि में पूरी रिपोर्ट के साथ उपस्थित नहीं होने को लेकर राज्यपाल कड़ी चेतावनी भी दे चुके हैं।

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