बंगाल में राज्यपाल धनखड़ को हटाने की मांग को लेकर ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। अब ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे पत्र लिखकर जगदीप धनखड़ को राज्यपाल पद से हटाने की मांग की है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:38 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 05:00 PM (IST)
बंगाल में राज्यपाल धनखड़ को हटाने की मांग को लेकर ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
तृणमूल कांग्रेस जरूरत पड़ने पर विधानसभा में राज्यपाल को हटाने का प्रस्ताव भी ला सकती है।

राज्य ब्यूरो,  कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। अब ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे पत्र लिखकर जगदीप धनखड़ को राज्यपाल पद से हटाने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस जरूरत पड़ने पर विधानसभा में राज्यपाल को हटाने का प्रस्ताव भी ला सकती है। बताते चलें कि जब से जगदीप धनखड़ राज्य के राज्यपाल बने हैं, तभी से उन्होंने सरकार विरोधी रुख अपनाया है। वह शुरू से ही इंटरनेट मीडिया पर ममता सरकार की नीतियों को लेकर मुखर रहे हैं। इधर हाल के दिनों में बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर राज्यपाल काफी मुखर हैं। इसे लेकर ममता सरकार के साथ उनका टकराव बढ़ता ही जा रहा है। 

दरअसल राज्यपाल ने चुनाव के दौरान हिंसाग्रस्त रहे इलाकों में जाने का ऐलान किया तो ममता बनर्जी को यह नागवार गुजरा। ममता ने राज्यपाल के दौरे के नियमों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया तो जगदीप धनखड़ ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए कहा कि वह अपना काम कर रहे हैं। 

इसके बाद पिछले दिनों तीसरी कैबिनेट के शपथ ग्रहण से ठीक पहले उन्होंने नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआइ को राज्य के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दी थी। सीबीआइ ने कल राज्य के दो मंत्रियों, एक विधायक और एक पूर्व मंत्री को गिरफ्तार किया था।

उधर, बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि सीबीआइ ने उनकी अनुमति के बिना ही यह कार्रवाई की है। उन्होंने इस बाबत राज्यपाल के अनुमोदन को भी गैरकानूनी करार दिया। इसके बाद  तृणमूल कार्यकर्ताओं ने राजभवन के समक्ष राज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। 

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