सत्तापक्ष और विपक्ष की राजनीतिक नोक-झोंक के बीच 26 को दिल्ली जाएंगी ममता बनर्जी, पीएम मोदी से भी करेंगी मुलाकात

सत्तापक्ष और विपक्ष की राजनीतिक नोक-झोंक के बीच मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने जा रही हैं। खबर है ममता सोमवार को दिल्ली पहुंच रही हैं और आगामी पांच दिनों तक दिल्ली में ही रहेंगी

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 07:07 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 07:07 PM (IST)
सत्तापक्ष और विपक्ष की राजनीतिक नोक-झोंक के बीच 26 को दिल्ली जाएंगी ममता बनर्जी, पीएम मोदी से भी करेंगी मुलाकात
26 को दिल्ली जाएंगी ममता बनर्जी, पीएम मोदी से भी करेंगी मुलाकात

राज्य ब्यूरो,कोलकाता: सत्तापक्ष और विपक्ष की राजनीतिक नोक-झोंक के बीच मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने जा रही हैं। खबर है ममता सोमवार को दिल्ली पहुंच रही हैं और आगामी पांच दिनों तक दिल्ली में ही रहेंगी और इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी तथा राष्ट्रपति के साथ मुलाकात करेंगी। साथ ही अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ भी मुलाकात कर सकती हैं। इससे पहले ही उनकी पार्टी का महासचिव व उनका सासंद भतीजा अभिषेक बनर्जी दिल्ली पहुंच चुके हैं।

ममता के साथ इस बार उनके पुराने साथी मुकुल राय होंगे। खबर है कि वह संसद भी जाएंगे। दूसरी ओर ममता ने पेगासस जासूसी विवाद को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा सरकार को हटाने के लिए विपक्षी एकता पर बल दे रही हैं। उन्होंने बुधवार को विपक्षी दलों से कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा।

गौरतलब है कि इससे पहले तृणमूल ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर अभिषेक और पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जासूसी कराये जाने का आरोप लगाकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया था।

तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा-'इससे पता चलता है कि भाजपा अभिषेक के राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरने को लेकर भय महसूस कर रही है। यह बेहद शर्मनाक है कि केंद्र सरकार राजनेताओं, पत्रकारों व अन्य के फोन टैप कर उनकी जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर का उपयोग कर रही है। यह इस सरकार की सत्तावादी मानसिकता को दर्शाता है। केंद्र सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।'

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