शहीद दिवस रैली में कांग्रेस व वाम दलों पर खामोश रहीं ममता बनर्जी, सिर्फ भाजपा पर जमकर हमला बोला

विधानसभा चुनाव से पहले तक मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों को जगाई- मधाई... कहकर लगातार हमला करती रही हैं। इन दलों के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला। इस रैली में ममता ने सिर्फ भाजपा पर जमकर हमला बोला

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:57 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 09:57 PM (IST)
शहीद दिवस रैली में कांग्रेस व वाम दलों पर खामोश रहीं ममता बनर्जी, सिर्फ भाजपा पर जमकर हमला बोला
कांग्रेस व वाम दलों पर खामोश रहीं ममता बनर्जी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : विधानसभा चुनाव से पहले तक मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों को जगाई- मधाई... कहकर लगातार हमला करती रही हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में शून्य पर सिमटने वाले कांग्रेस- वाममोर्चा गठबंधन के खिलाफ बुधवार को तृणमूल की शहीद दिवस रैली में ममता खामोश रहीं और इन दलों के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला।

इस रैली में ममता ने सिर्फ भाजपा पर जमकर हमला बोला और 2024 के लोकसभा चुनाव में उसे हराने के लिए सभी विपक्षी दलों से एक साथ आने का आह्वान किया। गौरतलब है कि एक दिन पहले तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा था कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का विरोध करने वाली कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों को बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के व्यापक गठबंधन का प्रयास करना चाहिए। माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर ममता ने कांग्रेस व वाम दलों के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा।

इधर, ममता का भाषण सुनने के लिए तृणमूल कांग्रेस की ओर से दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के भी दो वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम व दिग्विजय सिंह मौजूद रहे। हालांकि इस दौरान वामदलों से कोई नेता नहीं था। वामदलों को छोड़ भाजपा विरोधी अन्य सभी दलों के प्रमुख नेता मौजूद रहे। इधर, इन कांग्रेस व वामपंथियों के खिलाफ ममता द्वारा कुछ नहीं बोलने पर राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि चूंकि बंगाल में यह दोनों दल अब अप्रासंगिक हो गए हैं, इसीलिए ममता ने भी इनके खिलाफ अपनी ऊर्जा खर्च नहीं की। बता दें कि इससे पहले ममता अपनी हर रैली में भाजपा के साथ कांग्रेस व वाम दलों पर निशाना साधती रही हैं। गौरतलब है कि 2011 में ममता ने बंगाल में 34 साल लंबे वामपंथी शासन का ही अंत कर सत्ता पर काबिज हुई थी। उसके बाद से बंगाल में ममता का जादू बरकरार है और हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार तृणमूल कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की है।

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