West Bengal: ममता बनर्जी ने की देश में चार राजधानियों की वकालत
West Bengal बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मेरा मानना है कि बंगाल में चार राजधानियां होनी चाहिए। अंग्रेजों ने पूरे भारत में कोलकाता से राज किया था। हमारे देश में सिर्फ एक राजधानी क्यों होनी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश में चार राजधानियों की वकालत की है। उन्होंने नेताजी की 125वीं जयंती पर शनिवार सुबह उत्तर कोलकाता के श्यामबाजार पांच माथा मोड़ से दक्षिण कोलकाता के रेड रोड तक निकली आठ किलोमीटर लंबी पदयात्रा की अगुआई की। इसके बाद रेड रोड पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा-'मेरा मानना है कि बंगाल में चार राजधानियां होनी चाहिए। अंग्रेजों ने पूरे भारत में कोलकाता से राज किया था। हमारे देश में सिर्फ एक राजधानी क्यों होनी चाहिए?
नेताजी जयंती पर हो राष्ट्रीय अवकाश
ममता ने मोदी सरकार से नेताजी की 125वीं जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लंबे समय से इसकी मांग कर रही है, जो अब तक लंबित है। उन्होंने नेताजी जयंती को केंद्र सरकार की ओर से पराक्रम दिवस घोषित करने पर भी सवाल उठाते हुए कहा -'आज हम देशनायक दिवस मना रहे हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने नेताजी को देशनायक कहा था, फिर ये पराक्रम दिवस क्या है? पराक्रम दिवस घोषित करने से पहले मुझसे सलाह-मशविरा भी नहीं किया गया।
नेताजी के नाम पर स्थापित होगा विश्वविद्यालय
ममता ने इस मौके पर नेताजी के नाम पर विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी फंडिंग राज्य सरकार की तरफ से की जाएगी। इसके अलावा राजारहाट में आजाद हिंद फौज के नाम पर समाधि स्थल का भी निर्माण किया जाएगा। इस साल कोलकाता में गणतंत्र दिवस की परेड भी नेताजी को समॢपत होगी।
बातों ही बातों में भाजपा पर कसा तंज
ममता ने कहा-'हम नेताजी जयंती केवल उन वर्षों में नहीं मनाते, जिन वर्षों में चुनाव होने वाले होते हैं। वे हमारे दिलों में 365 दिन रहते हैं। हम उनके परिवार के भी नियमित संपर्क में हैं। नेताजी की 125वीं जयंती हम बहुत बड़े पैमाने पर मना रहे हैं। नेताजी महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं। वे एक महान दार्शनिक थे।
योजना आयोग को भंग करने पर उठाया सवाल
ममता ने सवाल करते हुए कहा कि जिस योजना आयोग की परिकल्पना नेताजी ने आजाद भारत के लिए की थी, उसे भंग क्यों कर दिया गया? गौरतलब है कि 2014 में मोदी सरकार ने योजना आयोग को भंग कर उसके स्थान पर नीति आयोग का गठन किया था।
भव्य जुलूस में शामिल हुए आम-ओ-खास
नेताजी जयंती पर निकाले गए भव्य जुलूस में आम-ओ-खास सभी शामिल हुए। इसमें राजनीति, कला, संस्कृति, फिल्म, खेल समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग मौजूद थे। जुलूस की शुरुआत करने से पहले ममता ने शंखनाद किया। इससे पहले दोपहर 12.15 बजे सायरन भी बजाया गया। गौरतलब है कि 23 जनवरी 1897 को इसी समय बोस का जन्म हुआ था।
हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर किया गया नेताजी एक्सप्रेस
इस बीच रेलवे की ओर से ऐतिहासिक हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस कर दिया गया है। हावड़ा-कालका मेल भारतीय रेलवे की सबसे पुरानी ट्रेनों में एक है, जो अभी भी दौड़ रही है। यह ट्रेन पहली बार 1866 में चली थी यानी यह ट्रेन 150 साल से देश की सेवा कर रही है।